Heat Wave Alert: हीट वेव से निपटने के लिए यूपी सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश, जानें क्या करें क्या न करें

इस वर्ष मार्च से मई के बीच अधिक गर्मी (Heat Wave Alert) होने की संभावना जताई जा रही है. इसे अल नीनो का प्रभाव माना जा रहा है. इसलिए यूपी सरकार ने हीट वेव से होने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए पहले से तैयारी कर ली है.

By Amit Yadav | April 4, 2024 6:50 PM

लखनऊ: यूपी में गर्मी के मौसम में हीट वेव (Heat Wave Alert) के कारण होने वाले रोगों के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी कर ली है. प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं. उन्हें बताया गया है कि अत्यधिक हीट वेव (UP Weather Report) के दौरान क्या करें और क्या न करें. गौरतलब है कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश सहित देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना व्यक्त की गई है. इसी को लेकर प्रदेश सरकार ने ये दिशा निर्देश दिए हैं.

ठंडे पानी और शेल्टर्स की होगी व्यवस्था
इस वर्ष मार्च से मई के बीच गर्मी के मौसम में सीजनल आउटब्रेक (Heat Wave Alert) की जानकारी दी गई है. उत्तर प्रदेश के मध्य एवं उत्तर पश्चिम भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. देश के मध्य और उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में मार्च से मई 2024 के बीच हीट वेव की अधिक संभावना है. अधिकांश क्षेत्रों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका के चलते गर्मी के कारण होने वाली बीमारियों (Heat Related Illness) प्रबंधन समय से करने की व्यवस्था की गई है. इसमें भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर ठंडा पीने का पानी, गर्मी से बचाव के लिए शेलटर्स, व्यस्त स्थानों पर मौसम के पूर्वानुमान और तापमान का डिस्प्ले, स्कूलों में हीट वेव से बचाव के लिए उपायों का प्रचार प्रसार किया

दवाओं की व्यवस्था के निर्देश
पार्थ सारथी सेन शर्मा के अनुसार स्वास्थ्य विभाग कित्साधिकारियों, पैरामेडिकल कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का प्रशिक्षण एवं संवेदीकरण प्राथमिकता के आधार पर करेगा. जिसमें अधिक गर्मी से होने वाली दिक्कतों की पहचान और इलाज बारे में बताया जाएगा. इसके अलावा आवश्यक दवाएं, शरीर में चढ़ाने वाली दवाएं, आइसपैक्स, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट आदि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता की जाएगी.

हीट देव: क्या करें, क्या न करें
हीट वेव (Heat Wave) की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है. समय पर उचित इलाज न मिलने पर प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है. हीट वेव के प्रभावों को कम करने के लिए इन तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए.

सावधान रहें
-हीट वेव या लू के संबंध में जारी चेतावनी पर ध्यान दें.
-हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैंप के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द, उबकाई, पसीना आना. बेहोशी आदि को पहचानें.
-कमजोरी अथवा बेहोशी की स्थिति का अनुभव होने पर तत्काल डॉक्टर की सलाह लें.

शरीर में पानी की कमी न होने दें
-अधिक से अधिक पानी पिएं, यदि प्यास न लगी हो तब भी पानी पिएं
-यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ जरूर रखें.
-ओआरएस, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ पिएं. जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके.
-पानी की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियां जैसे तरबूज, खरबूज, खीरा-ककड़ी, संतरे, अंगूर, अनानास खाएं.

शरीर को ढक कर रखें
-हल्के रंग के पसीना सोखने वाले कपड़े पहनें.
-धूप का चश्मा, छाता, टोपी, चप्पल पहनें
-अगर खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें.

अधिक से अधिक समय तक घर या कार्यालय के अंदर रहें
-हवा वाली ठंडी जगहों पर रहें
-सूर्य की सीधी रोशनी और हीट वेव को रोकने के लिए घरों को ठंडा रखें. दिन में खिड़कियां, पर्दे और दरवाजे बंद रखें. शाम या रात के समय घर व कमरों को ठंडा करने के लिए खोला जा सकता है.
-घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने का समय बढ़ाएं.
-पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें.

इनका विशेष ध्यान रखें
-एक वर्ष से कम आयु के शिशु, अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, आउटडोर कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, विशेषकर हृदय रोगी, हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्ति, ऐसे व्यक्ति जो ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों में जा रहे हों, उनका विशेष ध्यान रखें. यह समूह हीट वेव के लिए अधिक संवेदनशील होता है.
-अकेले रहने वाले बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति के स्वास्थ्य की नियमित रूप से देखभाल तथा समीक्षा की जाए.
दिन के समय में अपने घर में निचले तल पर रहें.

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