Holi 2023: सनातन धर्म में होली का त्योहार सबसे बड़ा माना गया है. पिछले साल की तरह इस साल भी होली को लेकर लोग उलझे हुए हैं. इस साल होली दो दिन खेली जाएगी. उत्तर प्रदेश में होली (Holi) का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. आइए जानते हैं यूपी (UP) में होली कब है, शुभ मुहूर्त, होलिका दहन और महत्व.
होली ना सिर्फ रंगों का त्योहार है, बल्कि आपसी प्रेम का प्रतीक है. इस त्योहार को लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर मौज मस्ती के साथ मनाते हैं. उत्तर प्रदेश में होली (UP Holi Date 2023) का खास महत्व है. गांव हो या शहर होली के दिन सड़कें रंगों से डूब जाती हैं. इस बार लोग होली की तारीख को लेकर असमंजस में है. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार होलिका दहन के अगली सुबह रंग पर्व मनाया जाएगा. साल 2023 में होली 8 मार्च दिन बुधवार को मनाई जाएगी.
पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार इस साल यूपी में होली 8 मार्च दिन बुधवार को है. और शुभ मुहूर्त (Holi Shubh Muhurat) चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि शाम 7 बजकर 42 मिनट तक है.
होली के त्योहार में बस कुछ ही दिन बचे हैं. रंगों के पर्व में लोग तरह-तरह के पकवान बनाते हैं. होली एक दिन पहले होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है. और दूसरे दिन रंगो वाली होली बड़ी ही धूमधाम से खेली जाती है. होलिका दहन (Holika Dahan 2023) फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि दिन मंगलवार 6 मार्च को शाम 4 बज कर 17 मिनट पर शुरू होगी और समापन 7 मार्च दिन बुधवार को शाम 6 बजकर 09 पर है. इसी के साथ होलिका दहन 7 मार्च दिन मंगलवार को है.
पंडित शास्त्री के अनुसार यूपी में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Shubh Muhurat) 7 मार्च को शाम 6 बज कर 24 मिनट से उसी रात 8 बज कर 51 मिनट तक है. इस साल 2023 में होलिका दहन का कुल समय 2 घंटे 27 मिनट तक ही है. इसी समय अंतराल में होलिका पूजन होगी और इसके बाद होलिका में आग लगाई जाएगी. लेकिन इस दिन सुबह 5 बजकर15 तक ही केवल भद्रा है. ऐसे में भद्रा को लेकर लोग किसी भी तरह से कंफ्यूज ना हो. प्रदोष काल में होलिका दहन के समय भद्रा नहीं रहेगा.
Also Read: Holi 2023 Date: होली कब है? 7 या 8 मार्च, न हों कंफ्यूज, यहां जानिए सही डेट, होलिका दहन शुभ मुहूर्त, महत्व
रंगों यानी होली का त्योहार यूपी में सभी के लिए खास महत्व है. इस दिन लोग पुराने गिले शिकवे माफ कर मस्ती में घुल मिलकर इस त्यौहार को सेलिब्रेट करते हैं. हिंदू पंचांग में होली का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को आग में जलाकर मारने के लिए उनके ही पिता हिरण्यकशिपु ने अपनी ही सगी बहन होलिका को तैयार किया था. कहा जाता है कि होलिका के पास एक ऐसी चादर थी. जिसको ओढ़ लेने पर उस पर आग का बिल्कुल भी असर नहीं होता था. प्रह्लाद की बुआ होलिका आग में लेकर अपने गोद में बैठ गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद तो बच गए, लेकिन होलिका जलकर मर गई. इसी के साथ हर साल होलिका दहन यूपी में बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है.