Holika Dahan 2023: होली को लेकर उत्साह का माहौल है और लोग इस पर्व की तैयारियों में जुटे हुए हैं. ज्योतिष शास्त्र के लिहाज से ग्रह-नक्षत्रों को लेकर ये पर्व बेहद अहम होता है. इस दिन किए गए कुछ कार्य जहां आपकी तरक्की का रास्ता खोल सकते हैं, वहीं कुछ बातों से परहेज करना चाहिए, वरना बनने वाले काम बिगड़ते देर नहीं लगती. होलिका दहन 2023 के मौके पर राहु को लेकर खास सतर्कता बरतनी चाहिए, जिससे इससे संबंधित अशुभ फल से बचा जा सके.
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक होलिका दहन के मौके पर राहु का उग्र होना कई समस्याओं की वजह बनता है. इस वर्ष होलिका दहन 7 मार्च 2023 को किया जाएगा. वहीं 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो चुका है. होलाष्टक होली के आठ दिन पहले से प्रारंभ होता है. होलाष्टक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक माना जाता है.
होलाष्टक के दौरान कुल आठ ग्रह उग्र होते हैं. इनमें राहु फाल्गुन पूर्णिमा में उग्र रहता है. राहु के उग्र होने का असर हमारे जीवन पर भी पड़ता है. इस दौरान की गई मामूली गलती भी आपके जीवन पर दुष्प्रभाव डाल सकती है. इसलिए सचेत रहते हुए कुछ उपायों के जरिए आप किसी भी तरह के संभावित नुकसान से बच सकते हैं.
यदि राहु उग्र स्थिति में है तो व्यक्ति की सोच, कर्म आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है. राहु के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति बुरी संगत में भी फंस सकता है. उसे बुरी लत लग सकती है. आर्थिक नुकसान होने के साथ शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है.
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होलिका दहन के दिन शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक लगाकर महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे राहु शांत होगा.
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होलिका दहन के दिन प्रातः स्नान आदि करने के बाद राहु के मंत्र ”ऊं रां राहवे नम:” का 108 बार जाप करें.
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विकलांगों की सहायता करें. चीटियों को सप्त अनाज खिलाएं.
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होलिका दहन पर गाय को हरा चारा खिलाएं. गणपति को दूर्वा चढ़ाएं.
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जातक ”ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:” मंत्र का उच्चारण करें.
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सिक्का, काला कंबल, अगरबत्ती का दान करना राहु के दुष्प्रभाव को निष्क्रिय करता है.
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होलिका दहन के दिन सूप में काले तिल, कंबल, नीला वस्त्र, लोहा, सप्त अनाज, गोमेद रखकर इसे कपड़े से बांधकर जल में प्रवाहित कर दें.
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होलिका दहन के दिन जल में थोड़े से काले तिल डालकर शिवलिंग पर अभिषेक करें.
शास्त्रों के मुताबिक भद्रा में अगर होली जलायी जाए तो बड़ी हानि हो सकती है है. 7 मार्च की पूर्णिमा तिथि भद्रामुक्त होगी. जिस वर्ष फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि दो दिन के प्रदोष को स्पर्श करे, तब दूसरी पूर्णिमा यानी अगले दिन में होली जलाना चाहिए. इस बार भी पूर्णिमा तिथि 6 मार्च और 7 मार्च दोनों दिन प्रदोष काल को स्पर्श कर रही है, ऐसे में 7 मार्च को ही होलिका दहन करना शुभ होगा.
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होली 2023 की तारीख- 8 मार्च 2023
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होलिका दहन की तारीख- 7 मार्च 2023
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होलिका दहन मुहूर्त- शाम 6:24 मिनट से 8:51 मिनट तक
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होलिका दहन के लिए कुल समय- 2 घंटे 27 मिनट