UP News: बेरोजगार होम्योपैथी फार्मासिस्ट गिरफ्तार, विधान भवन जा रहे थे धरना प्रदर्शन करने
होम्योपैथिक विभाग का फार्मासिस्ट भर्ती विज्ञापन 2019 में निकला था. विज्ञापन जारी होने के लगभग 2 वर्ष 6 माह बाद आयोग ने अंतिम चयन परिणाम 22 नवंबर 2021 को जारी किया था. इसके बाद से भर्ती प्रक्रिया बाधित पड़ी है.
लखनऊ: 2019 से नियुक्ति का इंतजार रहे बेरोजगार होम्योपैथी फार्मासिस्टों को शुक्रवार को विधान भवन पहुंचने से पहले गिरफ्तार कर लिया गया. फार्मासिस्ट यूपीएसएसएससी के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और नियुक्त प्रक्रिया पूरी करने की मांग कर रहे थे. इससे पहले कि वह विधान भवन के सामने पहुंचते पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
ईको गार्डन से शुरू हुआ धरना प्रदर्शन
चयनित बेरोजगार होम्योपैथी फार्मासिस्टों ने नियुक्ति की मांग को लेकर गुरुवार को ईको गार्डन में धरना-प्रदर्शन किया था. जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो आक्रोशित फार्मासिस्ट विधान भवन के लिये कूचकर गये. हाथों में नियुक्त प्रक्रिया पूरी करने की मांग की तख्ती लिये हुए नारेबाजी करते होम्योपैथी फार्मासिस्टों को देखकर पुलिस ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय के पास बैरिकेडिंग कर दी.
विधान भवन के लिये किया कूच
इससे नाराज फार्मासिस्ट वहीं धरने पर बैठ गये. काफी देर तक चली नारेबाजी के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारकर लिया और बस में भरकर ईको गार्डन में ले जाकर छोड़ दिया गया. चयनित बेरोजगार फार्मासिस्टों ने बताया कि होम्योपैथिक विभाग की फार्मासिस्ट भर्ती विज्ञापन 2019 में निकला था. विज्ञापन जारी होने के लगभग 2 वर्ष 6 माह बाद आयोग ने अंतिम चयन परिणाम 22 नवंबर 2021 को जारी किया था.
हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने का दिया है आदेश
आयोग द्वारा जारी किए गए अंतिम चयन परिणाम में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में चयन को लेकर असफल अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट वाद दायर किये थे. हाईकोर्ट की इलाहाबाद खंडपीठ ने आयोग ने जारी किए गए अंतिम चयन परिणाम को सही मानते हुए ईडब्ल्यूएस कैटेगरी से संबंधित सभी वादों को खारिज करके नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने के निर्देश दिए था.
यूपीएसएसएससी को अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
जबकि उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की मात्र 10% सीटों पर ही रोक लगाई थी. अतिरिक्त सीटों पर आयोग को नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र कर दिया है. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) नियुक्ति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा रहा है. फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सुस्त कार्यप्रणाली ये दिक्कतें आयी हैं.
चार साल से मानसिक, आर्थिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ित
इसके अलावा ईडब्ल्यूएस केस निस्तारण के लिए आयोग व शासन स्तर से लापरवाही होने के कारण होम्योपैथिक फार्मासिस्ट भर्ती विगत 4 वर्षों से लंबित पड़ी है. आयोग लंबित वादों के निस्तारण एवं भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने में कोई रूचि नहीं दिखा रहा है. आयोग द्वारा असफल अभ्यर्थियों की वजह से समस्त सफल चयनित अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है. भर्ती प्रक्रिया में हो रहे विलंब के चलते चयनित बेरोजगार होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थी एवं उनके परिजन सामाजिक, मानसिक, आर्थिक तथा शारीरिक रूप से प्रताड़ना झेल रहे हैं.
फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने किया सपोर्ट
फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता को देखते हुए तत्काल होम्योपैथी फार्मासिस्टों की चयन सूची विभाग को सौंपने की मांग की है. फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि होम्योपैथी फार्मेसिस्ट के 420 पदों पर भर्ती के फरवरी 2019 में विज्ञापन निकला था. 24 अक्टूबर 2019 को प्रतियोगात्मक परीक्षा संपन्न हुई थी. 1 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद 17 दिसंबर 2020 को परिणाम आया.
उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के सभी शैक्षणिक प्रपत्रों का परीक्षण भी आयोग ने 16 मार्च 2021 से 20 मार्च 2021 तक किया. लेकिन सभी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद भी चयन सूची अभी तक होम्योपैथिक विभाग को नहीं सौंपी गई है. जिससे नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो पा रहा हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग में मानव संसाधन की बहुत कमी है, ऐसे में जो 600 से अधिक पद रिक्त हैं, लगातार लोग सेवानिवृत्त हो रहे हैं. एक फार्मेसिस्ट के पास कई चिकित्सालयों का प्रभार है, अतः रिक्त पदों को तत्काल भरा जाना चाहिए.