लखनऊ: यूपी में एक और आईएएस अधिकारी (IAS Officer) ने वीआरएस (VRS) मांगा है. वर्तमान में एनसीआर के स्थानिक कमिश्नर के पद पर तैनात रिग्जियान सैंफिल ने नियुक्ति विभाग को पत्र लिखकर वीआरएस की मांग की है. वह 2003 बैच के आईएएस हैं. यूपी में इससे पहले भी तीन आईएएस वीआरएस ले चुके हैं.
आईएएस रिग्जियान सैंफिल (IAS Rigzin Samphel) पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में सीएम कार्यालय में तैनात थे. वर्ष 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वह मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिव के पद पर थे. 2018 में वह जम्मू-कश्मीर में इंटर कैडर डेप्युटेशन पर चले गये थे. अब उन्होंने वीआरएस की मांग की है.
गौरतलब है कि यूपी इससे पहले चार आईएएस वीआरएस ले चुके हैं. इनमें एक नाम 1987 बैच की आईएसएस रेणुका कुमार का है. रेणुका कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आयी थीं. इसके अलावा 1988 बैच की जुथिका पाटणकर और 2003 बैच के IAS विकास गोठलवाल ने भी वीआरएस के लिये आवेदन किया था. 2022 में इन सभी का वीआरएस मांग लिया गया था.
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इसके अलावा 2008 बैच के आईएएस विद्या भूषण ने भी वीआरएस मांग था. उनका वीआरएस मार्च 2023 में स्वीकार किया गया था. IAS विद्या भूषण प्रतापगढ़, इटावा व अमेठी में डीएम रहे थे. उन्हें 27 अप्रैल 2021 को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी का एमडी बनाया गया था. इसके अलावा 2005 बैच के आईएएस जी.श्रीनिवासलु ने भी वीआरएस मांगा था. वह 2022 में ही आंध्र प्रदेश से अपने मूल कैडर यूपी लौटे थे. उन्हें सचिव राजस्व बनाया गया था. उनके वीआरएस मांगने से आईएएस बिरादरी थी अचंभित थी.