Lucknow: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मंगलवार को कहा कि दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी आबादी वाला क्षेत्र यूपी ऊर्जा दक्ष हो जाये तो विश्व के साथ-साथ भारत के लिए भी बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. कम ऊर्जा खपत करके किसी भी कार्य को पूरा किया जा सकता है. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा कार्बन के शून्य उत्सर्जन की दिशा में स्टेट एनर्जी एफिशियंसी एक्शन प्लान पर स्टेक होल्डर की सलाह के लिये हजरतगंज स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे.
ऊर्जा मंत्री ने मजाक करते हुए कहा कि बिजली की खपत को हल्का करने के चक्कर में चाइना का बल्ब खरीदकर न लगा लेना. उन्होंने कहा कि यूपी में जलवायु परिवर्तन और ताप को नियंत्रित करने के लक्ष्य को सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से पूरा किया जाना है. उप्र में नेडा, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग इस पर कार्य करेगा. उत्तर प्रदेश में 04 क्षेत्र चिन्हित किये गये हैं, जिसमें कृषि, यातायात, एमएसएमई और भवन निर्माण के क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना है.
मंत्री एके शर्मा ने कहा कि लक्ष्य को पाने के लिए जरूरी है कि हम सभी अपने जीवन में पेड़-पौधे जरूर लगायें. साथ ही सौर ऊर्जा के माध्यम से अपनी ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा कर सकें. सभी किसान और हाउस होल्डर स्वयं बिजली पैदाकर अतिरिक्त बिजली से मुनाफा भी कमा सकते हैं. इसी प्रकार खेती-बाड़ी में माइक्रोईरिगेशन, ड्रिपस्प्रिंकलर सिंचाई का प्रयोग कर भी बिजली की बचत की जा सकती है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यातायात के क्षेत्र में भी ई-एनर्जी का प्रयोग किया जा सकता है. उद्योग और एमएसएमई क्षेत्रों को भी ऊर्जा दक्ष बनाना है. पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व एवं दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर विकसित देश खासतौर से अमेरिका ने हमारे देश में कार्बन उत्सर्जन के मामले में ज्यादा दबाव नहीं बना पाया. मोदी जी के कारण ही जलवायु परिवर्तन की एक न्यायपूर्ण व्यवस्था बनी, जिससे आज विकासशील देश बिना दबाव के आगे बढ़ रहे हैं.
मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि भारत विश्व के सम्मुख ग्लासगो, अमेरिका में हुये सीओपी-26 सम्मेलन में ‘पंचामृत’ कार्यक्रम के तहत 05 मूल विषयों पर प्रतिबद्धता व्यक्त की थी. जिसके तहत वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कमी कर 01 लाख टन तक कम की जायेगी और वर्ष 2070 तक देश में कार्बन का शून्य उत्सर्जन प्राप्त होगा
इसके लिए हमें थर्मल ऊर्जा के स्थान पर सौर ऊर्जा और अन्य प्राकृतिक स्रोतों से ऊर्जा उत्सर्जन को बढ़ावा देना होगा, जिसके लिए केन्द्र सरकार प्रयास कर रही है. वर्ष 2030 तक भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी से प्राप्त करेगा और यह लगभग 500 गेगावाट तक होगा. इसी प्रकार प्रदेश वर्ष 2030 तक 40 हजार मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी से होने का लक्ष्य है. कार्यक्रम में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमार सक्सेना भी मौजूद थे.