लखनऊ: IIM से IIIT तक का शानदार रहा सफर, राष्ट्रपति मुर्मू आज दीक्षांत समारोह में होंगी शामिल
आईआईआईटी लखनऊ से ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों डिग्री और मेडल मिलना गर्व का पल होगा, जो मंगलवार यानि की आज आयोजित होने वाला है. यह संस्थान के दूसरा दीक्षांत समारोह है, जिसमें राष्ट्रपति मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी.
उत्तर प्रदेश की राजधानी धीरे-धीरे उच्च शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में उभर रहा है. लखनऊ में 1984 के दौरान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (आईआईएम-एल) आने से यह बदलाव देखने को मिल रहा है. फिर 2006 में डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय आया. इस लीग में शामिल होने वाला सबसे युवा संस्थान भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ (IIITL) है, जिसने सत्र 2015-16 में 50 स्टूडेंट्स के साथ अपनी जगह बनाई और सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सीखने का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है. आईआईआईटी लखनऊ से ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों डिग्री और मेडल मिलना गर्व का पल होगा, जो मंगलवार यानि की आज आयोजित होने वाला है. यह संस्थान के दूसरा दीक्षांत समारोह है, जिसमें राष्ट्रपति मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी. वहीं आईआईआईटी लखनऊ के निदेशक एएम शेरी ने कहा कि यह संस्थान केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में स्थापित 20 आईआईआईटी में से एक है. आईआईआईटी लखनऊ अब अपने स्टूडेंट्स को वे सभी सुविधाएँ प्रदान करता है, जो उन्हें आगे बढ़ने और देश की सेवा करने में मदद कर सकती हैं.
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शहर में उच्च शिक्षा के लिए एक बेहतर माहौल है- पूर्व प्रोफेसर भरत
वहीं आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक और आईआईआईटी लखनऊ के पूर्व प्रोफेसर भरत भास्कर ने कहा कि लखनऊ में इन शैक्षणिक संस्थानों का आना इस बात का संकेत है कि शहर में उच्च शिक्षा के लिए एक बेहतर माहौल है. राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए यह एक बड़ा लाभ है. जब स्टूडेंट भारत के कोने-कोने से यहां अध्ययन करने के लिए आते हैं, तो यह परिसर को एक महानगरीय रूप देता है. उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए इन परिसरों के बीच तालमेल जरूरी है. वहीं राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RMlNLU)के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान ने कहा कि अच्छे संस्थानों का होना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर किसी देश को तेज गति से प्रगति करनी है तो प्रशिक्षित और कुशल हाथों की जरूरत है. मुझे खुशी है कि लखनऊ को अच्छे संस्थान मिल रहे हैं और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी अच्छे संस्थान खुलेंगे.
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आईआईआईटी लखनऊ की स्थापना
बता दें कि आईआईआईटी लखनऊ की स्थापना भारत की तकनीकी ताकत को बढ़ाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, राज्य सरकार और यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के उद्योग भागीदारों के वित्तीय योगदान से की गई थी. भारतीय प्रबंधन संस्थान-लखनऊ, आईआईएम कलकत्ता, आईआईएम अहमदाबाद और आईआईएम बैंगलोर के बाद भारत में स्थापित होने वाले प्रतिष्ठित आईआईएम परिवार के प्रबंधन स्कूलों में चौथा है. आईआईएम लखनऊ ने अपने संकाय, पूराने स्टूडेंट्स और सहायक कर्मचारियों के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. संस्थान अपने स्टूडेंट्स को मूल्य-प्रेरित नेताओं, प्रबंधकों और वैश्विक खिलाड़ियों के रूप में तैयार करता है. 2005 में, IIML ने दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के नोएडा में विशेष रूप से कार्यकारी शिक्षा के लिए एक उपग्रह परिसर स्थापित करने वाला पहला IIM बनकर प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार किया.
उच्च शिक्षा के दौड़ में लखनऊ भी शामिल
बता दें कि डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना 2005 में उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिनियम द्वारा की गई थी. कानूनी क्षेत्र में नई चुनौतियों का सामना करने और देश का पहले नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना द्वारा दिए गए दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए जनवरी 2006 में अस्तित्व में आया. इसके अलावा, शहर में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, किंग गेरोगे मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ विश्वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर (केंद्रीय) विश्वविद्यालय और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय जैसे कई अन्य संस्थान भी हैं, जो एक नया कीर्तिमान स्थपित करते हैं. ये संस्थान लखनऊ को मेडिकल, टेक्नोलॉजी और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान दिलाई है.