लखनऊ में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने भरी हुंकार, अब संसद भवन का करेंगे घेराव
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने भरी हुंकार प्रदेश के 35 जिलों में रथ यात्रा चलाई जा रही है बाकी बचे जनपद मुख्यालयों में रथ यात्रा निकालने तैयारी है. 21 जून को राजधानी लखनऊ में हुंकार रैली के उपरान्त संसद घेराव करने की तैयारी में है.
लखनऊ. पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग को लेकर केंद्र और राज्यकर्मियों ने हुंकार भरी है. पुरानी पेंशन योजना बहाली मंच ने प्रदेश के 35 जिलों में रथ यात्रा चलाई जा रही है. अब प्रदेश के बाकी बचे जनपद मुख्यालयों में रथ यात्रा निकालने जा रहे है. वहीं 21 जून को राजधानी लखनऊ में हुंकार रैली के उपरान्त संसद घेराव करने की तैयारी में है. कई राज्यों की सरकारों ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर मंथन कर पुरानी पेंशन को बहाल किया है. सभी राजनैतिक दलों को कर्मचारियों एवं शिक्षकों के इस गम्भीर और अस्मिता से जुड़े मुद्दे पर विचार करना चाहिए.
लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली एक बड़ा मुद्दा
आगामी लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली एक अहम मुद्दा बनकर सामने आ चुका है. यह बात आज पुरानी पेंशन बहाली रथ यात्रा एवं अब तक मंच द्वारा चलाए गए आन्दोलन की समीक्षा बैठक के उपरान्त मंच के नेता कामरेड शिव गोपाल मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही. पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली संयुक्त मंच के नेता राष्ट्रीय महासचिव रेलवे कामरेड़ शिवगोपाल मिश्रा पेंशन बहाली के लिए चलाए जा रहे सांकेतिक आन्देालन रूप रेखा पर चर्चा करते हुए कहा कि 21 मई को मशाल जुलूस में कर्मचारी एवं शिक्षक समूह की एकता से मंच उत्साहित है.
कर्मचारियों का ऐलान पेंशन बहाली को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित
मशाल जुलूस के उपरान्त मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया. वर्ष 2018 की हड़ताल के दौरान मुख्य सचिव स्तर पर जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि कार्मिकों को 9.2 प्रतिशत से अधिक का पेंशन राशि पर लाभ दिया जा रहा है. उसके उपरान्त पुनः फरवरी 2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व हुए आन्दोलन के उपरान्त मुख्य सचिव के स्तर पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में 9.2 प्रतिशत से अधिक पेंशन लाभ दिये जाने का दावा किया गया. लेकिन इन दावों के विपरीत मंच के पास ऐसे सैकड़ों प्रमाण है जिसमें किसी को 1000 तो किसी को 2000 रूपये पेंशन राशि प्राप्त हो रही है.
पेंशन हमारा अधिकारी हर हाल में हासिल करेंगें
ऐसे में सरकार की कथनी और करनी सामने दिखाई पड़ रही है. नई पेंशन योजन को लागू किए हुए 17 वर्ष बीत जाने के बावजूद इसकी खाामियों में सुधार नही किया गया. पॉच राज्यों में दृढ़ इच्छा शक्ति के चलते पुरानी पेंशन योजना बहुत सोचसमझ कर लागू की गई. अब संसद ने नई पेंशन योजना में काफी खामिया मिलने के बाद वित्त मंत्री ने कमेटी बनाने की घोषणा की हैं, लेकिन हमें कमेटी से कोई मतलब नही हम इस संघर्ष वर्ष में पेंशन हमारा अधिकारी, हर हाल में हासिल करेंगें . के मूल मंत्र पर आन्दोलनरत है.