Indian Railways: यात्रियों के सफर के लिहाज से रेलवे सबसे अहम साधन है. देश के विभिन्न हिस्सों में सफर करने के लिए लोग सबसे ज्यादा रेलवे पर निर्भर होते हैं. ऐसे में ट्रेनों के महंगे किराये से लेकर लंबी वेटिंग उनके लिए बड़ी समस्या बनी हुई है. हालत ये है तेजस एक्सप्रेस का किराया आसमान से बात कर रहा है, तो शताब्दी एक्सप्रेस भी पीछे नहीं है.
दरअसल डायनेमिक फेयर की वजह से लखनऊ से दिल्ली जाने वाली चेयरकार ट्रेनों में सफर बेहद महंगा हो गया है. तेजस एक्सप्रेस का किराया 2321 रुपए पहुंच गया है, जबकि तीन से साढ़े तीन हजार रुपए में सीधी फ्लाइट उपलब्ध है. ट्रेनें जहां पांच से छह घंटे तक ले रही है, वहीं विमान एक से डेढ़ घंटे में लोगों को दिल्ली पहुंच रहा है. ऐसे में महंगा किराया लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है. कई ट्रेनों में इस वजह से सैकड़ों सीटें खाली हैं, इससे रेलवे को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
लखनऊ से दिल्ली जाने वाली तेजस एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस की चेयरकार में विमानों की तर्ज पर डायनेमिक फेयर लागू होता है. इससे किराया डेढ़ गुना तक महंगा हो जाता है और यात्रियों पर अनावश्यक लोड पड़ता है.
किराया महंगा होने की वजह से यात्री इन वीआईपी ट्रेनों की जगह विमान का सहारा ले रहे हैं. तेजस एक्सप्रेस की चेयरकार का किराया 1701 रुपए पहुंच गया है. इसमें बेस फेयर 1080 रुपए है, जिस पर डायनेमिक फेयर 540 रुपए और जीएसटी 81 रुपए लगा है.
इसी तरह एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2210 रुपए और जीएसटी 111 रुपए मिलाकर 2321 रुपए पहुंच गया है. यही कारण है कि चेयरकार में गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार व रविवार को क्रमशः 260, 354, 329,343 व एग्जीक्यूटिव क्लास में 40, 67, 57, 73 सीटें खाली हैं. शताब्दी एक्सप्रेस की चेयरकार में भी डायनेमिक फेयर लागू होता है ट्रेन की चेयरकार में 196, 29, 224, 307 सीटें खाली हैं तथा एग्जीक्यूटिव क्लास में वेटिंग चल रही है. चेयरकार का किराया 1390 रुपए, एग्जीक्यूटिव क्लास का 2155 रुपए व अनुभूति कोच का 2480 रुपए पहुंच गया है.
लखनऊ से दिल्ली जाने वाली एयर एशिया की डायरेक्ट फ्लाइट आई5-330 का टिकट गुरुवार के लिए 3267 रुपये में मिल रहा है, जिस पर कूपन लगाने के बाद किराया तीन हजार रुपये हो गया। एयर एशिया की एक अन्य फ्लाइट का किराया भी इतना ही है. इंडिगो का 3372 रुपए, एयर इंडिया का 3326 रुपए व विस्तारा का 3708 रुपए में मिल रहा है.
वहीं, लखनऊ से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में डबलडेकर एक्सप्रेस भी शामिल है. यह किराये में तेजस व शताब्दी से सस्ती है और इसकी चेयरकार में उपरोक्त तिथियों में 876, 986, 991, 924 सीटें खाली हैं. इसका किराया भी महज 665 रुपए है. गोमती एक्सप्रेस की चेयरकार में वेटिंग चल रही है.
दिल्ली की ट्रेनों में भले ही खाली सीटों की भरमार हो, पर लखनऊ से मुम्बई जाने वाले यात्रियों के लिए अभी भी सीटों की मारामारी है. पुष्पक एक्सप्रेस की स्लीपर में उपरोक्त दिनों पर 232, 161, 134, 88 तथा थर्ड एसी में 63, 48, 58, 38 वेटिंग है. गोरखपुर एलटीटी एक्सप्रेस की स्लीपर में 187, रिग्रेट, 173, 152 व थर्ड एसी में 32, 35, 35, 26 वेटिंग है. ऐसे ही अवध एक्सप्रेस, सीतापुर एलटीटी एक्सप्रेस, प्रतापगढ़ एलटीटी एक्सप्रेस में भी वेटिंग है.
इस बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की बात करें तो ये भी अपने महंगे टिकट के कारण जानी जाती है. उत्तर प्रदेश में पहली वंदे भारत ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई थी. यह ट्रेन गुरुवार को छोड़कर छह दिन चलती है. ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से सुबह 6:00 बजे प्रस्थान करती है और 759 किमी की दूरी तय करके दोपहर 2:00 बजे वाराणसी पहुंचती है. वहीं, किराया कि बात करें तो वाराणसी और नई दिल्ली के बीच एसी चेयर कार का किराया 1,753 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 3,309 रुपए है.
वहीं, राजधानी ट्रेन की किराया की बात करें तो वाराणसी से दिल्ली तक का फर्स्ट क्लास एसी में 3,575 रुपए है. सेकेंड टियर एसी कोच का 2,890 रुपये है. थ्री टियर एसी कोच का 2,145 रुपए है. वहीं साधारण ट्रेनों की किराए की बात करें तो स्लीपर कोच में वाराणसी से दिल्ली तक का किराया 430 रुपए है. थ्री टियर एसी कोच से यात्रा का किराया 1,085 रुपए है. वही, सेकेंड टियर एसी कोच का 1,545 रुपए है. फर्स्ट क्लास एसी में 2,595 रुपए है.
वाराणसी से दिल्ली तक की सफर में लगने वाले वक्त की बात की जाए तो राजधानी और साधारण ट्रेन से करीब 10 से 13 घंटे का समय लगता होता है. जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस से आपकी यात्रा महज 8 घंटे में पूरी होती है. समय की बचत के हिसाब से ट्रेन को बेहतर माना जाता है.