UP Election 2022: चित्रकूट में RSS का यूपी चुनाव की रणनीति पर ‘मंथन’, हिंदू एकता महाकुंभ का क्या है लक्ष्य?

इस हिंदू एकता महाकुंभ के मंच से अयोध्या राममंदिर और वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की तर्ज पर मथुरा में भगवान कृष्ण के विवादित मंदिर को लेकर भी बयानबाजी की जा सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2021 3:39 PM

Chitrakoot News: हिंदू तीर्थस्थलों में शुमार चित्रकूट में 15 दिसंबर यानी बुधवार को हिंदू एकता का महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है. इस महाकुंभ को तुलसी पीठाधीश्वर, पद्मविभूषण, जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के संरक्षण में आयोजित किया जा रहा है. इस हिंदू एकता महाकुंभ के लक्ष्य बारे में बताते हुए तुलसी पीठाधीश्वर के संयोजक आचार्य रामचंद्र दास ने बताया, ‘यह आयोजन ऐसे समय में होने जा रहा है जब देश और दुनिया में हिंदू संस्कृति के खिलाफ साजिश रची जा रही है.’ इसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघ चालक मोहन भागवत होंगे.

इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे. आयोजनकर्ताओं के सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर हिंदुओं को एकजुट करने की भी कोशिश की जाएगी. चित्रकूट यूं भी हिंदुओं की आस्था का केंद्र रहा है. ऐसे में इस भव्य कार्यक्रम का आयोंजन करने के लिए काफी गंभीरता से तैयारी की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, इस हिंदू एकता महाकुंभ के मंच से अयोध्या राममंदिर और वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की तर्ज पर मथुरा में भगवान कृष्ण के विवादित मंदिर को लेकर भी बयानबाजी की जा सकती है.

आज हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम पर

तुलसी पीठाधीश्वर के संयोजक आचार्य रामचंद्र दास ने बताया कि मंगलवार से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो चुका है. दूर-दराज से आने वाले लोग एकजुट हो रहे हैं. इस भव्य आयोजन में शास्त्रीय संगीत सहित लोकगीतों का भी प्रदर्शन किया जाएगा. इसी क्रम में इस हिंदू एकता महाकुंभ में प्रख्यात अभिनेता आशुतोष राणा, महाभारत धारावाहिक में द्रौपदी का अभिनय करने वालीं भाजपा नेत्री रूपा गांगुली, पद्मश्री मालिनी अवस्थी, गायक और सांसद मनोज तिवारी, कवि डॉ कुमार विश्वास, गीतकार मनोज मुंतशिर आदि मौजूद होंगे.

उधर, अयोध्या में पहुंच रहे 11 भाजपाई मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर हर राजनीतिक दल अपनी कुछ न कुछ रणनीति अपनाए हुए हैं. इस बीच देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी भाजपा के लिए यह आयोजन काफी महत्वपूर्ण है. हिंदू एकता के नाम पर इस आयोजन के सियासी समीकरण बनाने की भी कवायद चल रही है. एक तरफ जब चित्रकूट में हिंदुओं को एकजुट करने की कवायद हो रही है. ठीक अयोध्या रामलला जन्मभूमि पर भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री का अयोध्या सुनिश्चित किया गया है. 15 दिसंबर को ही अयोध्या पहुंचने का जिला प्रशासन के पास तैयारियों को लेकर प्रोटोकॉल भी भेजा जा चुका है. 11 मुख्यमंत्री व एक उपमुख्यमंत्री का दल इस बीच अयोध्या में पहुंचने जा रहा है.

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