मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में मदद पहुंचाने वाले जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा निलंबित, सुल्तानपुर में थे तैनात
माफिया मुख्तार अंसारी की मदद पहुंचाने के मामले के आरोप में बांदा जेल के तत्कालीन जेलर को निलंबित कर दिया गया है. डीआईजी जेल प्रयागराज की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन के तरफ से यह कार्रवाई की गई है.
Lucknow : पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी की मदद पहुंचाने के मामले में जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की गई है. सुल्तानपुर जेल में तैनात जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा को गुरुवार को सस्पेंड कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक बांदा जेल में तैनाती के दौरान वीरेंद्र कुमार वर्मा पर आरोप लगा था कि माफिया मुख्तार अंसारी को मदद पहुंचा रहे हैं.
डीआईजी जेल प्रयागराज की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने जेलर वीरेंद्र वर्मा को सस्पेंड किया है. आरोप है कि वीरेंद्र वर्मा जेल में अपनी ड्यूटी के दौरान मुख्तार अंसारी को लोगों से मुलाकात करवाते थे. साथ ही उसके लोगों के द्वारा भेजी गई चीजों को पहुंचाते थे.
मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में दिखाई हेकड़ी
वहीं, पूर्व विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. आजमगढ़ के एमपी-एमएलए कोर्ट में 3 जुलाई को माफिया मुख्तार अंसारी की वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के जरिए से पेशी हुई थी. मजदूर हत्याकांड में माफिया की वर्चुअल पेशी के दौरान मुख्तार की ओर से गवाह को धमकी देने का मामला सामने आया है.
इस मामले में पीड़ित गवाह ने खुद की सुरक्षा को लेकर कोतवाली में तहरीर दी है. माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गवाही कर रहे व्यक्ति ने गुरुवार को शहर कोतवाली में खुद को मुख्तार की ओर से धमकी दिए जाने के मामले में तहरीर दी है. हालांकि इस मामले में गवाह को सुरक्षा मुहैया कराए जाने तक उसकी पहचान को गुप्त रखा गया है.
गौरतलब है कि माफिया मुख्तार अंसारी अप्रैल 2021 से बांदा जेल में बंद है. पिछले महीने मुख्तार अंसारी को वाराणसी की MP MLA कोर्ट ने 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जैसे ही कोर्ट ने मुख्तार को दोषी करार दिया, उसकी बेचैनी बढ़ गई. उसके चेहरे पर तनाव देखने को मिला. टेंशन के चलते उसने अपना माथा पकड़ लिया.
बांदा जेल के अधीक्षक वीरेश राज शर्मा के मुताबिक वाराणसी में अवधेश राय हत्याकांड मामले में मुख्तार की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराई गई थी. पेशी के दौरान दोषी करार होने के बाद मुख्तार अपने माथा पकड़ कर बैठ गया. टेंशन उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था.