Jal Jeevan Mission: जल ज्ञान यात्रा से बच्चे समझ रहे पानी की महत्ता, रूबरू हो रहे हर घर जल मिशन योजना से
यूपी सरकार की अनूठी पहल पर देश में पहली बार भावी पीढ़ी को जल जीवन मिशन की परियोजनाओं का सहभागी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में ''जल ज्ञान यात्रा'' का शुभारंभ किया गया है. इस यात्रा में छात्र-छात्राओं के सहभागी बनने से वो मिशन के प्रति लोगों को जागरूक करने में सारथी बनेंगें.
गौरवशाली अतीत का प्रतीक, सीताकुंड की ख्याति, ऋषि मुनियों की तपोस्थली और गोमती के तट पर बसे सुलतानपुर जिले में बुधवार को जल जीवन मिशन की ओर से आयोजित ‘जल ज्ञान यात्रा’ स्कूली बच्चों के लिए यादगार बन गई. स्कूली बच्चों ने स्लोगन के माध्यम से जल संचयन और संरक्षण का संदेश दिया. नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यात्रा में शामिल स्कूली बच्चों को जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से ग्रामीणों तक पहुंचाए जा रहे नल कनेक्शन की जानकारी दी गई.
सुलतानपुर जिले में पहली बार नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ”जल ज्ञान यात्रा’ आयोजित की गई. जल ज्ञान यात्रा की शुरूआत ग्राम टीकर से हुई. यहां पीने के स्वच्छ पानी पहुंचाने की प्रक्रिया को स्कूली बच्चों ने समझा। जल जांच प्रयोगशाला पहुंचकर पानी जांच के इंस्ट्रूमेंट्स के बारे में बच्चों ने स्कीम के प्रोजेक्ट मैनेजर से सवाल भी किये. प्रयोगशाला में पानी में कठोरता कैसे जांचते हैं, बैक्टीरिया का कैसे पता लगाते हैं आदि के बारे में भी बच्चों को बताया गया. ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई जल जांच प्रयोगशाला में फील्ड टेस्ट किट से पानी श्रोतों की जांच देखकर स्कूली बच्चे अचंभित रह गये.
नुक्कड़ नाटक के जरिए कलाकारों ने रोचक अंदाज में बच्चों को जल जीवन मिशन की खूबियों की जानकारी दी. सुबह 10 बजे ब्लाक-धनपतगंज के ग्राम टीकर के पार्क में एकत्रित हुए सरकारी व निजी स्कूलों के बच्चों को जल जीवन मिशन की योजना से जोड़ने के लिए आयोजित जल ज्ञान यात्रा का शुभारंभ हुआ. जल निगम(ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार ने स्कूली बच्चों के दल को हरी झण्डी दिखाई.
सुलतानपुर में पहली बार आयोजित ‘जल ज्ञान यात्रा’ स्कूली बच्चों के यादगार बन गयी है. स्लोगनों के माध्यम से स्कूली बच्चों ने ग्रामीणों को जल बचाने का संदेश दिया. ‘स्ट्रीट प्ले’ के कलकारों ने अनोखे अंदाज में जल जीवन मिशन की खूबियां बतायीं. स्कूली बच्चों ने जल जांच की अहमियत समझी, पानी टंकी और एसटीपी भी करीब से देखा. इसके बाद स्कूली बच्चों को ग्राम टीकर स्थित पानी की टंकी और वहां से की जा रही पानी आपूर्ति व्यवस्था की जानकारी दी गई और ‘हर घर जल’ गांव का भ्रमण भी कराया गया.
बच्चों को ओवर हेड टैंक (पानी टंकी) का भ्रमण कराया गया. पीने योग्य पानी की सप्लाई कैसे की जाती है, इसकी जानकारी दी गई. ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई जल जांच प्रयोगशाला में फील्ड टेस्ट किट से पानी श्रोतों की जांच देखकर स्कूली बच्चे अचंभित रह गये. अधिकारियों ने उन्हें जल जीवन मिशन की जानकारी दी.
इस दौरान बच्चों ने घर-घर तक पहुंचे नल कनेक्शन देखे और शुद्ध जल प्राप्त कर रहे ग्रामीणों से बातचीत भी की. इसके बाद जल निगम ग्रामीण की जल जांच प्रयोगशाला सुलतानपुर में स्कूली बच्चों को भ्रमण कराया गया। गोमती नदी के तट पर स्थित गोला घाट घूमकर बच्चे उत्साहित हुए. इसके बाद उनको सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सुलतानपुर ले जाया गया जहां नदियों की स्वच्छता के लिए एसटीपी की उपयोगिता की जानकारी दी गई.
संगमनगरी में पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना को सरकारी स्कूल के बच्चों ने करीब से जाना. पहली बार प्रयागराज में आयोजित जल ज्ञान यात्रा में गांव-गांव, घर -घर तक पहुंच रहे स्वच्छ पेयजल की प्रक्रिया को स्कूली बच्चों ने समझा. पानी पहुंचाने के लिये तैयार किये गए संसाधनों को देखा. पीने के स्वच्छ पानी से लाभार्थियों को मिल रहे लाभ की जानकारी मिलने पर वो आश्चर्यचकित रह गये.
जल ज्ञान यात्रा के दौरान बच्चों ने नल कनेक्शन प्राप्त करने वाले ग्रामीण परिवारों से बातचीत कर उनके सुखद अनुभवों को जाना. एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं और तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं से भी बातचीत की. यहां उन्होंने नल की टोंटी खोल स्वच्छ पेयजल पीकर बोले की ये तो आरओ से भी साफ पानी है.
तहसीलदार अंकाक्षा मिश्रा, जिला समन्वयक अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने जल ज्ञान यात्रा को हरी झंडी दिखाकर उसका शुभारंभ किया. विभाग के अधिकारियों और कर्मचरियों ने एक-एक कर बच्चों को परियोजना, पाइप वॉटर सप्लाई स्कीम की जानकारी दी. जल संरक्षण, जल प्रबंधन, जल संचयन के बारे में बताया. प्रयागराज के 10 प्राथमिक स्कूल के 100 छात्र-छात्राएं व 20 अध्यापक जल जीवन मिशन की परियोजनाओं के शैक्षिक भ्रमण का हिस्सा बने.
जल निगम ग्रामीण की जल जांच प्रयोगशाला सुलतानपुर में स्कूली बच्चों को भ्रमण कराया गया. गोमती नदी के तट पर स्थित गोला घाट घूमकर बच्चे उत्साहित हुए. इसके बाद उनको सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सुलतानपुर ले जाया गया जहां नदियों की स्वच्छता के लिए एसटीपी की उपयोगिता की जानकारी दी गई.