जालौन: पुलिस कांस्टेबल की हत्या में वांछित दोनों अपराधी मुठभेड़ में ढेर, इंस्पेक्टर के हाथ में लगी गोली
पुलिस के मुताबिक बदमाश कल्लू उर्फ उमेश और रमेश ने 10 मई को पिकेट ड्यूटी पर तैनात भेदजीत सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इसके बाद एफआईआर दर्ज करते हुए पुलिस हत्यारोपियों की तलाश कर रही थी. रविवार को पुलिस घेराबंदी में इन्होंने टीम पर फायरिंग की, जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाश मारे गए.
Lucknow: उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद में पिकेट ड्यूटी पर तैनात पुलिस सिपाही की गोली मार कर हत्या के दोनों आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं. दोनों की विगत 10 मई को वारदात के बाद से ही पुलिस कई टीमें बनाकर तलाश कर रही थी.
जालौन पुलिस के मुताबिक बदमाश कल्लू उर्फ उमेश और रमेश ने 10 मई को पिकेट ड्यूटी पर तैनात भेदजीत सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इसके बाद एफआईआर दर्ज करते हुए पुलिस हत्यारोपियों की तलाश कर रही थी.
रविवार को पुलिस को इनके उरई कोतवाली केे फैक्टरी एरिया के पास होने की सूचना मिली. इसके बाद पुलिस ने इनकी घेराबंदी की. बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग की, जिसमें कोतवाली उरई प्रभारी शिव कुमार राठौर के बायें हाथ में गोली लगी. वहीं पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाश मुठभेड़ में मारे गए. बदमाशों के पास से 32 बोर की पिस्टल, 315 बोर का तमंचा व कारतूस बरामद हुआ है.
जालौन जनपद में उरई कोतवाली क्षेत्र के नेशनल हाईवे स्थित गोविंदम होटल के पास सिपाही भेदजीत सिंह 10 मई को पिकेट ड्यूटी पर था. चेकिंग के दौरान उसने मोटरसाइकिल सवार बदमाशों को ठीक से देखने के लिए टॉर्च से रोशनी की. इस पर बदमाशों ने मौके से फरार होने की कोशिश की तो सिपाही ने बदमाशों को पकड़ने के लिए अपनी मोटरसाइकिल से उनका पीछा किया.
इस पर मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने सिपाही को गोली मार दी और फरार हो गए. गोली लगने से सिपाही की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक सिपाही भेदजीत सिंह मथुरा के चौरम्बर गांव का रहने वाले था. वह वर्ष 2021 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था. उसकी पहली पोस्टिंग उरई कोतवाली में थी.
घटना से इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक ईरज राजा मौके पर पहुंचे. वहीं फॉरेंसिक की टीम ने भी घटनास्थल से सबूत जुटाए. इसके बाद से ही पुलिस की चार टीमें गठित कर बदमाशों का सुराग तलाशा जा रहा था. रविवार को हत्यारोपी मुठभेड़ में मारे गए.