क्या व्यवस्था है! 4 किसानों को रौंदा, 4 महीनों में जमानत, आशीष मिश्रा को जमानत मिलने पर जयंत चौधरी का तंज
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. अब रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्वीट कर तंज कसा है.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. आशीष मिश्रा को जमानत उसी दिन मिली, जिस दिन उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान शुरू हुआ. ऐसे में अब रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्वीट कर तंज कसा है. आशीष मिश्रा को 124 दिन बाद जमानत मिली है. हालांकि जेल से बाहर आने में एक-दो दिन और लग सकते हैं.
राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा, क्या व्यवस्था है!! चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में जमानत… आपको बता दें कि आशीष मिश्रा इसके पहले जमानत के लिए दो बार निचली अदालत में अर्जी लगा चुके थे,लेकिन दोनों बार उनकी अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया गया था.
क्या व्यवस्था है!!
चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में ज़मानत…
— Jayant Singh (@jayantrld) February 10, 2022
आशीष को 9 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के विरोध में कम से कम चार किसान और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. 3 अक्टूबर को हुई इस घटना में विशेष जांच (एसआईटी) की ओर से दायर आरोप पत्र में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी घोषित किया गया था.
देश को झकझोर देने वाली इस घटना में पिछले साल तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के एक बयान से नाराज किसान टेनी के गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे. उसी दौरान वहां हिंसा भड़क उठी और उसमें चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. विपक्षी दल इस मुद्दे पर टेनी को केंद्रीय मंत्रालय से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.
मिश्रा की गिनती लखीमपुर खीरी के सबसे बड़े नेताओं में होती है. 2011 में एक बलात्कार और हत्या के मामले में आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद उनका प्रभाव काफी बढ़ गया. अगले वर्ष, उन्हें निघासन से विधायक के रूप में चुना गया. 2014 और 2019 में, वह लखीमपुर खीरी से सांसद चुने गए और उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया.