Kalashtami 2023: हिंदू धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है. इस दिन लोग भगवान शिव के रूद्र रूप काल भैरव की पूजा करते हैं. इस साल 2023 में कालाष्टमी शुक्रवार दिन 12 मई 2023 को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं पंडित जितेंद्र शास्त्री से कालाष्टमी व्रत कब रखा जाए, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.
सनातन धर्म में कालाष्टमी को बेहद खास माना गया है. कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त 12 मई 2023, सुबह 9 बजकर 6 मिनट पर आरंभ हो रही है. और समापन अगले दिन यानी 13 मई 2023 को सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर है. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार 12 मई को ही कालाष्टमी मनाई जाएगी. इसलिए 12 मई को ही व्रत रखा जाएगा.
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कालाष्टमी के दिन यानी 12 मई 2023 को सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठे और पवित्र नदी में स्नान करें. इस दिन काले रंग के ही वस्त्र धारण करे. काल भैरव का मन में ध्यान करते हुए व्रत करने का संकल्प करें. कालाष्टमी की पूजा के लिए धतूरा, फूल, दूध, दही, बेलपत्र, धूप, दीप और फल चढ़ाएं. इस दिन बुराई करने से बचें.
पंचांग में कालाष्टमी का विशेष महत्व है. इन दिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है. साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. कालाष्टमी के दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से पूजा करते हैं उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होती है. पंडित जितेंद्र शास्त्री बताते हैं काल भैरव की पूजा करने से रोग, दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. इस लिए कालाष्टमी का हिंदू धर्म में महत्व है.