Kannauj Lok Sabha Election Result 2024: कन्नौज में अखिलेश यादव को बड़ी बढ़त

Kannauj Lok Sabha Election Result 2024 कन्नौज इत्र नगरी के रूप में पहचानी जाती है. यहां लोकसभा सीट भी मुलायम सिंह यादव के कारण चर्चा में रहती है. इस सीट पर अखिलेश यादव स्वयं सांसद रहे हैं तो उनकी पत्नी भी दो बार सांसद रह चुकी हैं. एक उपचुनाव में डिंपल यहां से निर्विरोध सांसद बन चुकी हैं.

By Amit Yadav | June 4, 2024 12:35 PM
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कन्नौज: समाजवादी पार्टी के लिए कन्नौज लोकसभा सीट (Kannauj Lok Sabha Election Result 2024) प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है. यहां सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव मैदान में हैं. दोपहर 12 बजे तक हुई मतगणना में वो अपने निकटमत प्रतिद्वंदी सुब्रत पाठक से 62976 वोट से आगे चल रहे हैं. अखिलेश यादव को 196726 वोट मिले हैं. जबकि सुब्रत पाठक को 131750 वोट मिले हैं. बहुजन समाज पार्टी के इमरान बिन जफर 20444 वोट के साथ तीसरे स्थान पर हैं.न

क्यों खास है ये सीट लोकसभा सीट (Kannauj Lok Sabha Election Result 2024) से समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा जुड़ी है. लंबी कशमकश के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज से नामांकन कराया था. इससे पहले समाजवादी पार्टी ने कन्नौज से मुलायम सिंह यादव के पोते और अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी किया था. लेकिन कन्नौज के कार्यकर्ताओं के दबाव में अखिलेश यादव स्वयं कन्नौज से लोकसभा चुनाव के मैदान में उतर गए थे. यहां उनके चिरपरिचित प्रतिद्वंदी सुब्रत पाठक हैं. सुब्रत एक 2019 में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को लोकसभा चुनाव हरा चुके हैं.

चर्चित सीट है कन्नौज लोकसभा
इत्र नगरी कही जाने वाली (Kannauj Lok Sabha Election Result 2024) कन्नौज लोकसभा सीट चर्चा में रहती है. मोदी लहर के बावजूद 2014 में यहां अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव जीत हासिल कर चुकी हैं. उन्होंने सुब्रत पाठक को लगभग 20 हजार वोटों से हराया था. 2019 में सुब्रत पाठक ने करीबी मुकाबले में डिंपल यादव को हराकर कन्नौज में बीजेपी का परचम लहराया था. अब यहां सुब्रत पाठक एक बार फिर मैदान में हैं.

करहल से विधायक है अखिलेश यादव
अखिलेश यादव वर्तमान में करहल सीट से विधायक हैं. वो नेता प्रतिपक्ष भी हैं. उन्होंने 2022 के चुनाव में आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. उपचुनाव में आजमगढ़ सीट बीजेपी ने जीत ली थी. यदि वो फिर से सांसद बनते हैं तो यूपी की राजनीति से बाहर हो जाएंगे. ऐसे में चाचा शिवपाल यादव का यूपी में कद बढ़ जाएगा. माना जा रहा है कि एक वजह ये भी है कि अखिलेश यादव सांसद बनना नहीं चाहते. यदि शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो वो उनका कद और बढ़ जाएगा. अखिलेश यादव से पहले वरिष्ठ समाजवादी नेता रामगोविंद चौधरी नेता प्रतिपक्ष थे.

उप चुनाव में पहली बार अखिलेश यादव बने थे सांसद सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के राजनीतिक सफर की शुरुआत कन्नौज (Kannauj Lok Sabha Election Result 2024) से सन् 2000 में हुई थी. उन्होंने कन्नौज में लोकसभा का उपचुनाव जीता था. इसके बाद 2009 में उन्होंने फिर कन्नौज से चुनाव लड़ा और सांसद बने. 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन गए गए और 2017 तक उनका कार्यकाल चला. इसके बाद उन्होंने 2019 में आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ा और बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ को हराया था. 2022 में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा देकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2024 के चुनाव में उनके कन्नौज से मैदान में उतरने की चर्चा थी लेकिन तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी घोषित करने के बाद इस पर विराम लग गया था. लेकिन अचानक फिर से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की संभावनाओं को बल मिला है.

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