Lucknow News: गैंगस्टर विकास दुबे का लखनऊ वाला घर हुआ सीज, पत्नी ऋचा को मिली 90 दिन की मोहलत
Lucknow News: पुलिस ने विकास के पत्नी ऋचा दुबे को 90 दिन की अवधि में कानपुर न्यायालय में स्पष्टीकरण देने की मोहलत दी गई है. स्पष्टीकरण ना देने की स्थिति में विकास दुबे के घर पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी.
Lucknow News: कानपुर के चर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के घर को लखनऊ पुलिस ने सीज कर लिया है. यह कार्रवाई विकास दुबे के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में दर्ज मामले के तहत की गई. मकान को सीज करने से पहले मुनादी कराई गई, फिर सीज किया गया. यह मकान राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर थाना क्षेत्र के इंद्रलोक कॉलोनी में है.
वहीं पुलिस ने विकास के पत्नी ऋचा दुबे को 90 दिन की अवधि में कानपुर न्यायालय में स्पष्टीकरण देने की मोहलत दी गई है. स्पष्टीकरण ना देने की स्थिति में विकास दुबे के घर पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की ओर से विकास के इंद्रलोक नगर स्थित मकान पर मई माह में कुर्की की नोटिस चस्पा की गई थी. बता दें कि इससे पहले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के करीबी जय बाजपेई को भू माफिया घोषित किया गया था. इसके अलावा STF सिपाही शिवेंद्र सिंह और BACL निदेशक ब्रजेश सिंह को भूमाफिया घोषित किया गया.
कौन है विकास दुबे
बता दें कि 2 3 जुलाई 2020 को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में बिकरु गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर कुख्यात बदमाश विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ जानलेवा हमला कर दिया था जिसमे डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे जबकि आधा दर्जन से ज्यादा घायल थे.बता दे कि विकास दुबे के खिलाफ 62 मुकदमे दर्ज थे.विकास पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद फरार हो गया था.जिसकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही थी.8 जुलाई 2020 को विकास ने नाटकीय ढंग से मध्यप्रदेश पुलिस को आत्मसमर्पण कर दिया था .जिसके यूपी पुलिस को उसे सौप दिया गया.
जिसके बाद यूपी पुलिस ने उसे कानपुर ले कर आ रही थी तभी कानपुर के भौति इलाके में गाड़ी के आगे अचानक मवेशियों के झुंड आ गया और गाड़ी पलट गई. गाड़ी पलटने के बाद विकास दरोगा की पिस्टल लेकर भागने लगा. जिसे एसटीएफ ने आत्मसमर्पण करने को लेकिन उसने नही किया और पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगा जिसके बाद उसे मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया.हालाकि विकास के एनकाउंटर से शियासत नही गर्मा गई थी.जिसके बाद पूरे मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ और लगातार 2 साल से जांच जारी है.