आप काशी आए और बनारसिया स्वाद का आंनद नहीं लिए तो ट्रिप अधूरी समझिए. इस शहर के दिल गोदौलिया के स्वादिष्ट व्यंजन-पकवान दुनियाभर में अलग ही छाप छोड़ते हैं. 60 साल पुराने काशी चाट भंडार पर हर दिन देश-विदेश से पहुंचने वाले मेहमान यहां की मशहूर चाट को खाने के लिए पहुंचते हैं. काशी चाट भंडार पर मिलने वाले 12 तरह के जायकादार चाट के स्वाद का स्वैग ही अलग है. इसे चखने के लिए घंटों इंतजार करने से गुरेज नहीं करते.
इस दुकान की शुरुआत 60 साल पहले काशीनाथ केसरी ने की थी. काशीनाथ ने गोदौलिया पर पहले अस्थाई रूप से दुकान शुरू की थी. लोग काशी की चाट लेकर सड़क पर खड़े होकर खाते थे. वाराणसी आने वाले पर्यटकों को आलू चाट खिलाते थे. फिर उन्होंने प्रयोग शुरू किए. सबसे पहले टमाटर चाट बनाई. उनकी टमाटर चाट बनारस के लोगों को भा गई. फिर तो कारोबार में चार चांद लग गए. कारोबार बढ़ा तो दुकान का स्वरुप भी बदलता चला गया और अब दो मंजिला दुकान में एक समय में लगभग 100 लोग बैठ सकते हैं.
बनारस की चटपटी काशी चाट की बागडोर 27 साल पहले काशीनाथ ने अपने तीन बेटे दीपक केसरी, राजेश केसरी और राकेश केसरी को सौंप दी. तीनों भाई ने दुकान में आलू चाट और टमाटर चाट के अलावा कई नए फ्लेवर तैयार किए. अब यहां पालक की चाट, मूंग की चाट, पालक पत्ता चाट, चुरा मटर, बास्केट चाट, पपड़ी चाट, समोसा चाट भी परोसी जाती है.
बदलते दौर में नए फ्लेवर ने ग्राहकों को आकर्षित किया. लोग एक दोना चाट के लिए दुकान तक दौड़े चले आते हैं. सावन समेत त्योहारी सीजन में लोगों को अपनी बारी के लिए आधा से एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है. वहीं आम दिनों में औसतन प्रतिदिन 1000-1200 ग्राहक दुकान पर ये स्वाद चखने आते हैं.
वाराणसी की इस काशी चाट भंडार पर आम से लेकर खास, राजनेता से लेकर अभिनेता, देशभर के कई फूड ब्लॉगरों का आना-जाना लगा रहता है. मशहूर शेफ संजीव कपूर भी काशी चाट के दीवाने हैं. पिछले दिनों खुद दुकान पर चलकर चाट खाने आए थे. उन्होंने चाट की रैसिपी भी पूछी और स्वाद की तारीफ भी की.
इसके अलावा देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे, पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी समेत प्रदेश और केंद्र के तमाम राजनेता काशी चाट का स्वाद ले चुके हैं. हिन्दी और भोजपुरी फिल्मों के कई अभिनेता भी आ चुके हैं. साउथ के कई सेलिब्रिटी ने भी चाट की तारीफ की है.
वाराणसी की काशी चाट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बनारस से लेकर लखनऊ, कानपुर, नोएडा, दिल्ली और मुंबई तक पार्टियों में इस चाट की मांग होती है. केंद्र और प्रदेश सरकार के कई कार्यक्रमों में भी काशी चाट का काउंटर अक्सर नजर आ जाता है.
समोसा-चाट
दही भल्ला चाट
पापड़ी चाट
टमाटर चाट
दही गोलगप्पे
पालक चाट
आलू टिक्की
काशी चाट भंडार पर सबसे ज्यादा आलू की टिक्की और टमाटर चाट की मांग है. देश-विदेश से आने वाला ग्राहक सबसे पहले टमाटर चाट ही ऑर्डर करता है. लजीज और चटपटी टमाटर चाट खाने वालों की दूसरी पसंद आलू टिक्की या पालक चाट भी होती है. काशी चाट का दहीबड़ा भी अन्य दुकानों से अलग है, क्योंकि इसका स्वाद इसकी रेसिपी में छिपा है.
टमाटर चाट और आलू टिक्की चाट के लिए प्रसिद्ध काशी चाट भंडार ने अपने 60 साल पुराने स्वाद और जायके को बरकरार रखा है. खास बात यह कि काशी चाट भंडार पर प्लास्टिक बर्तनों का प्रयोग नहीं होता. चाट को मिट्टी के कुल्हड़ में परोसा जाता है. जिससे की इस चाट का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है.
दुकान के संचालक राकेश केसरी ने बताया कि टमाटर की चाट बनारस की कई मशहूर खानपान में एक है. इसे बनाना आसान है और स्वाद लाजवाब होता है. हमारी दुकान पर टमाटर चाट का खट्टा मीठा स्वाद आप कभी नहीं भूलेंगे. टमाटर को बड़ी मात्रा में अच्छे से धोकर बीज हटाकर बारीक काटते हैं. कढ़ाई में देशी घी डालकर गरम करते हैं और मिर्च और 16 तरह के मसालों के बीच पकाते हैं. लो-मीडियम आंच पर उबालने के बाद आलू के साथ अच्छे से मिला देते हैं. इसके बाद आमचूर, दालचीनी, जीरा डालकर कढ़ाई में पकता रहता है. ग्राहकों को मिट्टी के कुल्हड़ में चाट मसाला, नमक पारे और हरा धनिया डालकर परोसा जाता है.
काशी चाट भंडार का गोलगप्पा भी औरों से अलग है, विदेशों से आने वाले पर्यटकों को यहां के मशहूर व्यंजन सबसे ज्यादा पसंद आते हैं. जैसे दही-बड़े, पापड़ी-चाट, आलू-टिक्की, टमाटर चाट लेकिन इन सबसे अलग मांग पानी के बताशे या गोल-गप्पा की है. गदौलिया चौराहे से घाट के आसपास के इलाके में सबसे चटपटे गोलगप्पे भी काशी चाट भंडार पर मिलते हैं. स्थानीय महिला ग्राहकों से लेकर सैलानी तक एक प्लेट गोलगप्पा जरूर खाते हैं.