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KGMU Convocation: केजीएमयू में मेधावियों पर बरसे मेडल, 19 दीक्षांत समारोह धूमधाम से मना

दीक्षांत समारोह में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग के सचिव डॉ. अभय करंदीकर व केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. महेंद्र भंडारी को डीएससी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया.

लखनऊ: केजीएमयू के 19वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 39 मेधावी मेडिकोज को मेडल दिये. अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में कुल 66 मेडल दिये गये. 26 छात्राओं को 54 मेडल मिले. वहीं 13 छात्रों को बचे हुए मेडल में संतोष करना पड़ा. कुल 1227 छात्र-छात्राओं की डिग्री डिजी लॉकर में अपडेट की गई है.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस मौके पर कहा कि ऐलोपैथी चिकित्सा पद्धति शरीर के कई रहस्यों तक नहीं पहुंची है. इस दिशा में शोध की जरूरत है. केजीएमयू जैसे संस्थान इसमें मदद करें. उन्होंने कहा कि अच्छी सेहत सबके लिए जरूरी है. इसलिए जीवनशैली में बदलाव लाएं. कसरत और योग को जीवन में शामिल करें. उन्होंने कहा कि चरक संहिता के रचियता आचार्य चरक ने शरीर और औषधि विज्ञान की खोज की थी. वह डायबिटीज, हृदय टीबी की पहचान और इलाज की जानकारी वर्षों पहले दे चुके थे. आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति मानव स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है. सर्दी-खांसी और बुखार का वर्गीकरण जितना भारतीय चिकित्सा पद्धति में किया गया है, उतना किसी दूसरी चिकित्सा पद्धति में नहीं है. राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश विकासशील से विकसित की ओर बढ़ रहा है। लोगों की सोच बदल रही है। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर देश हित में काम कर रहे हैं। सरकारी योजनाएं धरातल पर काम कर रही हैं।

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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल होनहार छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि अब आप स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं. आपके सामने मरीजों को बीमारियों से निजात दिलाने की चुनौती है. इनसे निपटने की रणनीति बनाएं, जिससे लोगों की सेहत संवारी जा सके. उन्होंने कहा कि मेडिकोज से कहा कि शोध करें. दूसरों के शोध पढ़ें. मरीजों के प्रति करूणा और समर्पण के साथ आगे बढ़ें.

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग के सचिव डॉ. अभय करंदीकर ने इस मौके पर कहा कि केजीएमयू छात्रों की रगों में मरीजों से प्रेम, मदद का संचार करता है. मरीजों की पीड़ा को महसूस कर उसे दूर करने की सीख देता है. इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सभी पर है. मेडिकल साइंस तेजी से आगे बढ़ रही है. सरकार भी स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड कर रही है. आयुष्मान भारत सहित अन्य राष्ट्रीय योजनाओं को आगे बढ़ाने में डॉक्टर सहयोग करें. इससे आप मरीजों की मदद कर सकेंगे.

दीक्षांत समारोह में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग के सचिव डॉ. अभय करंदीकर व केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. महेंद्र भंडारी को डीएससी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया. केजीएमयू के पूर्व कुलपति व यूरोलॉजिस्ट डॉ. महेंद्र भंडारी ने कहाकि नई बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. ये डॉक्टरों के सामने बड़ी चुनौती है. इसलिये रिसर्च पर भी ध्यान देते रहना होगा.

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केजीएमयू की उपलब्धियां

  • केजीएमयू को नैक में ए-प्लस ग्रेडिंग मिली

  • एनआरएफ में केजीएमयू को 12वीं रैंक मिली

  • स्टैनफोर्ड विवि ने विश्व के वैज्ञानिकों की सूची में केजीएमयू के 11 डॉक्टरों को शामिल किया

  • केजीएमयू में शोध छात्रों के लिए थिसिस सेंटर बनाया गया

  • कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने ग्रामीणों की सेहत संवारने के लिए 10 गांव गोद लिए

  • इस साल 30 देहदान हुए। 144 लोगों ने देहदान के लिए पंजीकरण कराया

  • विभिन्न विभागों में एमडी, एमएस, डीएम और एमसीएच की सीटों में इजाफा हुआ।

ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में भी उपलब्धि

  • 13 लिवर ट्रांसप्लांट

  • पांच किडनी ट्रांसप्लांट

  • 13 कॉकलियर ट्रांसप्लांट

  • एक मरीज का बोन मैरो ट्रांसप्लांट

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