केजीएमयू के डॉक्टरों ने जोड़ दी जेसीबी से कटी कलाई, 10 घंटे तक चली माइक्रोस्कोपिक सर्जरी
सीतापुर निवासी रोहित की कलाई के पास से हाथ जेसीबी का हिस्सा गिरने से कट गया था. कटे हाथ के हिस्से को केजीएमयू के प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग ने मैराथन सर्जरी से जोड़ दिया. सर्जरी के लगभग एक महीने बाद रोहित को डिस्चार्ज कर दिया गया है. उसकी कलाई में मूवमेंट शुरू हो गया है.
लखनऊ: केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एक युवक के कलाई से कटे हाथ को जोड़कर उसे दिव्यांग होने से बचा लिया. सीतापुर निवासी इस युवक के हाथ पर जेसीबी मशीन का एक हिस्सा गिर गया था. जिससे उसकी कलाई के बाद हाथ हिस्सा कटकर अलग हो गया था. केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे युवक का प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड प्रो. विजय कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे की मैराथन सर्जरी करके हाथ को जोड़ दिया.
19 जून को हुआ था हादसा
केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के हेड प्रो. विजय कुमार ने बताया कि सीतापुर निवासी 29 साल का रोहित मजदूरी करता है. 19 जून को दोपहर 12.15 बजे एक हादसे में जेसीबी का हिस्सा रोहित के हाथ पर गिर गया. जिससे उसके हाथ का पंजा कटकर अलग हो गया. उसे आनन-फानन में जिला चिकित्सालय सीतापुर ले जाया गया. जहां से उसे प्राथमिक उपचार देकर केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया.
समय पर पहुंच गया केजीएमयू
प्रो. विजय कुमार ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में मरीज को देखने के बाद तुरंत उसकी सर्जरी का फैसला किया गया. उन्होंने बताया कि कलाई से कटे हुए हाथ को छह घंटे के अंदर जोड़ा जा सकता है. इसके बाद मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. जिससे सर्जरी की सफलता की दर कम हो जाती है. रोहित को कटे हाथ के साथ छह घंटे के अंदर ही केजीएमयू पहुंचा दिया गया था. इसलिये उसकी सर्जरी करना संभव हो गया और अब वह धीरे-धीरे हाथ को चलाने में सक्षम हो गया है.
10 घंटे तक चली सर्जरी
उन्होंने बताया कि पहले रोहित के कटे हुए हाथ की धमनियों, मांसपेशियों, हड्डी व ऊतकों को साफ किया गया. इसके बाद माइक्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से एक-एक धमनियों, नसों और प्लेट लगाकर हड्डी को जोड़ा गया. नौ डॉक्टरों की टीम ने लगभग 10 घंटे तक चली सर्जरी के बाद रोहित के कटे हाथ को जोड़ दिया गया. इस सर्जरी के लगभग एक महीने बाद अब हाथ में मूवमेंट शुरू हो गया है. इसी के साथ रोहित को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है.
धीरे-धीरे कलाई में आ जाएगी ताकत
प्रो. विजय कुमार ने बताया कि धीरे-धीरे फिजियोथेरेपी से हाथ में पूरी ताकत आ जाएगी. जिससे मरीज स्वयं ग्लास, कंघी आदि पकड़ सकेंगे. कलाई में पूरी ताकत आने में लगभग छह माह का समय लगेगा. उन्होंने बताया कि उंगलियों को 16 घंटे के अंदर, कोहनी को 8 घंटे के अंदर सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने पर जोड़ा जा सकता है.
इस टीम ने की सर्जरी
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प्रो. विजय कुमार
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डॉ. संध्या पांडेय
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डॉ. किरण सिलवाल
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डॉ. काव्या
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डॉ. मेहवाश
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डॉ. गौरव
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एनेस्थेटिस्ट डॉ. राजेश रमन
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नर्सिंग व अन्य टेक्नीशियन स्टाफ
क्या करें जब हादसा हो
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कटे हुए अंग को एक साफ प्लास्टिक थैली में रखें
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इसके बाद इसे एक बर्फ की थैली में रखकर अस्पताल ले जाएं
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शरीर के कटे हुए हिस्से को साफ कपड़े से बांध दें, जिससे खून बहना रुक जाए
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तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं, जिससे फर्स्ट एड मिल सके
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केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के मोबाइल नंबर 9415200444 पर संपर्क करें