बृजभूषण के खिलाफ खापों ने सुरक्षित किया फैसला, कुरुक्षेत्र में होगा ऐलान, राष्ट्रपति से मुलाकात का निर्णय
किस खाप से कौन चौधरी और नेता आया कौन नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए मंच हाजिरी चेक की गयी जैसे किसी क्लास में टीचर हाजिरी लेता है.
लखनऊ : भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के विरोध की लड़ाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है. गुरुवार को पहलवानों के समर्थन में हुई खापों की महापंचायत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब की तीन दर्जन से अधिक खापों के चौधरी – नेता शामिल हुए.किस खाप से कौन चौधरी और नेता आया कौन नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए मंच हाजिरी चेक की गयी जैसे किसी क्लास में टीचर हाजिरी लेता है. मुज़फ़्फ़रनगर के शोरम गांव में गुरुवार को पहलवानों के समर्थन में हुई खापों की महापंचायत में तय हुआ कि भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायत शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में निर्णय लेगी.
खाप प्रतिनिधि राष्ट्रपति -सरकार के प्रतिनिधियों से मिलेंगे : राकेश टिकैतशोरम गांव में हुई खाप पंचायत ने फैसला सुरक्षित रख लिया. इस फैसले पर अंतिम मुहर कुरुक्षेत्र की पंचायत लगाएगी. भारतीय किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत ने कहा कि ‘हम शांतिपूर्ण तरीक़े से अपनी बात कह रहे हैं. यहां पर भी बहुत फ़ैसले हुए जिसे सुरक्षित रखा गया है. एक फ़ैसला ये हुआ है कि हम राष्ट्रपति से मिलेंगे.खाप प्रतिनिधि राष्ट्रपति और सरकार के प्रतिनिधियों से मिलेंगे. और बाक़ी के फ़ैसले कल कुरुक्षेत्र में होंगे. ये लड़ाई लड़ी जाएगी. खाप पंचायत और ये लड़कियां हारेंगी नहीं, ये लड़ाई लड़ी जाएगी. उनके साथ में अन्याय नहीं होगा.” सर्व जातीय सर्व खाप पंचायत में त्यागी ब्राह्मण भूमिहार समिति के अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि खाप कार्रवाई होने तक शांत नहीं बैठेगी.पहलवान बेटियों को न्याय दिलाकर ही मानेंगी.
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना था कि यह आपात बैठक ( महापंचायत ) चर्चा के लिए बुलाई गई थी, कल (शुक्रवार) कुरुक्षेत्र में निर्णय की घोषणा की जाएगी. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पहले से पता नहीं था कि दो जून को कुरुक्षेत्र में खाप पंचायत होनी है. ऐसे में दो स्थानों से अलग- अलग निर्णय होंगे तो टूट हो सकती है. इसकी कारण से गुरुवार को खाप पंचायत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार बृज भूषण शरण सिंह को बचाने में लगी है. दिल्ली पुलिस दबाव में है. नरेश टिकैत का दावा है बीजेपी के कई बड़े नेताओं से की गयी तो उन्होंने भी दबाव में होने की बात कही है.