लखनऊ. उत्तर प्रदेश में रहने वाले किसानों को योगी सरकार ने बड़ी सौगात दी है. योगी सरकार ने किसानों के खाते में 462.80 करोड़ की धनराशि दी है. फसल बीमा योजना के तहत यह धनराशि किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की गई है. बताते चलें कि पिछले वर्ष मौसम कि मार ने राज्य के कई किसानों की फसल चौपट कर दी थी. बारिश और ओलावृष्टि में गेहूं, सरसों की फसलें बर्बाद हो गई थी. जिसका सरकार ने मुआयना कराकर किसानों की सूची तैयार करवाई है. योगी सरकार ने सूची तैयार करने के बाद किसानों को फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा देने का फैसला लिया था. उसी के तहत सरकार ने किसानों के खाते में मुआवजे की राशि को भेजा है.
यूपी के किसानों को खरीफ 2022 में मौसम के चलते आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर धनराशि किसानो के खातों में भेजा गया है. प्रदेश में 2.18 लाख कृषकों को 134.25 करोड़ की धनराशि पहले ही बीमा कंपनियों के द्वारा भुगतान किया जा चुका है. वहीं अब 903336 कृषकों को 462.80 करोड़ की धनराशि फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से दी गई है. इस प्रकार खरीफ 2022 के मौसम के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में किसानों को अब तक 597.05 करोड़ की धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में दी जा चुकी है.
वहीं कृषि कार्यों के लिए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देश पर 3 करोड़ रुपए से अधिक दिए गए हैं. जिसमें फसल कृषि कार्य, विस्तार और किसानों को प्रशिक्षण, कृषि प्रसार योजना एवं प्रदर्शनी योजना के चिकित्सा व्यय के लिए 1.48 करोड़ दिए. बताते चलें कि वित्तीय वर्ष 2022 -23 मैं कृषि अनुसंधान व शिक्षा अन्य संस्थाओं को सहायता कृषि विश्वविद्यालय बांदा की स्थापना , व सामान्य मद में विश्वविद्यालय कंटीन्जेसी के लिए 48 लाख रुपए दिए गए हैं. खाद व उर्वरक, उर्वरक एवं कीटनाशक नियंत्रण प्रयोगशाला योजना वेतन मद में 1.83लाख, महंगाई भत्ता में 58 हजार, मकान किराए भत्ता में 55 हजार रुपये दिए. वहीं वित्तीय वर्ष 2022 23 के फसल कृषि कर्म, वनस्पति संरक्षण, पौध संरक्षण सेवा और कृषि रक्षा सेवा योजना में 1 लाख रूपये की वित्तीय राशि मिली है.
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उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के द्वारा किसानों के हित में चार महत्वपूर्ण सुझाव केंद्रीय कृषि मंत्री को भेजे गए हैं. उन्होंने कहा आपदा की स्थिति में कृषकों द्वारा व्यक्तिगत क्षति की सूचना जो 72 घंटे में दी जानी होती है, उसे बढ़ाकर अब 4 से 5 दिन किया जाए. असफल बुवाई के अंतर्गत ग्राम पंचायत में 75% क्षेत्र में बुवाई ना होने के कारण क्षतिपूर्ति दिए जाने का प्रावधान है. उसे घटाकर आप 60% कर दिया जाए. जिससे कि यदि कृषकों को लाभ मिलेगा. वहीं योजना में कृषकों की भागीदारी एवं विश्वसनीयता भी बढ़ेगी. भारत सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि बैंकों द्वारा प्रीमियम की धनराशि की कटौती करने के उपरांत प्रीमियम की धनराशि बीमा कंपनी को निर्धारित समय अंतर्गत उपलब्ध करा दी जाए. जिससे कृषकों के योजना के लाभ से वंचित न रह सकें.पोर्टल के माध्यम से क्षतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान कृषकों को फसल कटाई के एक माह के अंदर कर दिया जाए.