UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी. पहले बागपत मेरठ जिले की तहसील थी. यमुना नदी के नदी के तट पर बसा बागपत दिल्ली और हरियाणा से जुड़ता है. बागपत को पहले ‘व्यागप्रस्थ’ कहा जाता था. पांडवों ने कौरवों से जिन पांच गांवों को मांगा था, उनमें से एक यहां का सिनोला गांव भी था. बागपत विधानसभा सीट पर 10 फरवरी को वोटिंग होगी.
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2017 के विधानसभा चुनाव में बागपत से बीजेपी के योगेश धामा ने जीत दर्ज की.
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योगेश धामा ने बसपा के अहमद हमीद को हराया था.
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आरएलडी प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे.
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2012 में बसपा की हेमलता चौधरी ने जीत दर्ज की थी.
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रालोद के हमीद खान ने 2012 में दूसरा स्थान हासिल किया था.
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2007 में रालोद के हमीद खान ने बागपत से चुनाव जीता था.
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सपा के साहेब सिंह 2007 में दूसरे नंबर पर आए थे.
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2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बागपत से बीजेपी के योगेश धामा ने जीत दर्ज की थी.
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बागपत में जाट, गुर्जर, त्यागी, राजपूत, मुस्लिम और दलित मतदाताओं का प्रभाव है.
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बागपत का रिम-धुरा उद्योग दम तोड़ता जा रहा है.
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उद्यमियों को सरकार से कोई सुविधा नहीं मिल रही है.
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गन्ने का भुगतान नहीं होने से किसान काफी परेशान हैं.
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कुल मतदाता- 3,13,363
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पुरुष- 1,71,478
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महिला- 1,41,857
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थर्ड जेंडर- 28