UP Chunav 2022: कांग्रेस के गढ़ नगीना में SP ने जीते पिछले दो चुनाव, इस बार BJP और BSP देगी टक्कर?

नगीना विधानसभा सीट सुरक्षित है. इस बार नगीना सीट पर होने वाले विधानसभा चुनाव में बेहद कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 21, 2022 5:30 PM
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UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. वहीं, नगीना सीट की भी खूब चर्चा है. नगीना सीट बिजनौर जिले में आती है. यहां पर दूसरे चरण में 14 फरवरी को मतदान और 10 मार्च को मतगणना होगी. नगीना विधानसभा सीट सुरक्षित है. इस बार नगीना सीट पर होने वाले विधानसभा चुनाव में बेहद कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है.

लगातार दो चुनावों में सपा को मिली थी जीत

नगीना सीट से बीजेपी ने डॉ. यशवंत और कांग्रेस ने हेनरीता राजीव सिंह को कैंडिडेट बनाया है. सात बार जीत का रिकॉर्ड बनाने वाली कांग्रेस का गढ़ रहे नगीना में सपा का किला भी काफी मजबूत हो चुका है. नगीना से पिछले दो चुनावों में लगातार सपा को जीत हासिल होती रही है. ऐसे में इस किले को भेदने के लिए भाजपा और बसपा भी पूरी ताकत झोंकनी होगी. नगीना सीट पर दो बार जीत हासिल कर चुकी भाजपा ने डॉ. यशवंत पर भरोसा जताया है. बसपा इंजीनियर बृजपाल सिंह को पहले ही प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार चुकी है. मतलब है कि यहां पर हाई-वोल्टेज मुकाबला दिख सकता है.

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1985 में नगीना से आखिरी बार जीती कांग्रेस

नगीना सीट पर कांग्रेस पार्टी ने 1985 में आखिरी बार जीत हासिल की थी. उसके बाद आज तक कांग्रेस को जीत नहीं मिली है. कांग्रेस पार्टी ने खोई साख पाने के लिए पूर्व मंत्री ओमवती की बहू हेनरीता राजीव सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया है. लिहाजा इस बार नगीना सीट पर रोमांचक मुकाबला के आसार जताए जा रहे हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी कड़ी टक्कर देने के दावे कर रहे हैं.

1974 से नगीना सीट एससी के लिए आरक्षित

आजादी के बाद से साल 1974 तक बिजनौर की नगीना सीट कांग्रेस के लिए नगीना बनी रही. लगातार कांग्रेस के कैंडिडेट ही नगीना सीट से जीत दर्ज करते रहे हैं. कांग्रेस का अमेद्य किला 1977 के चुनाव में जनता दल ने गिरा दिया. 80 के दशक में कांग्रेस ने दोबारा नगीना पर कब्जा जमाया. वहीं, बीजेपी ने राम लहर में हुए उपचुनाव में नगीना से जीत हासिल करने में सफलता हासिल की. 1974 में नगीना को एससी वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया था. उसके पहले तक नगीना सीट सामान्य थी.

रामलहर में एक बार जीती भारतीय जनता पार्टी

नगीना ने कई सियासी उतार-चढ़ाव देखें हैं. यहां पर 1977 के चुनाव में जनता दल के मंगलराम प्रेमी ने परचम लहराया. नगीना में भाजपा को पहली बार रामलहर में 1991 में जीत दर्ज कराने का मौका मिला था. उस वक्त भाजपा के टिकट पर ओमप्रकाश विधायक बने थे. बाद में 1998 में उपचुनाव हुए तो भाजपा से लवकुश विधायक बनने में सफलता हासिल की. भाजपा नगीना में सिर्फ दो बार जीत सकी है.

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नगीना में 34 लाख वोटर्स, सपा के प्रचंड समर्थक?

नगीना सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 34 लाख से ज्यादा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में नगीना सीट से सपा कैंडिडेट मनोज कुमार पारस ने बीजेपी के ओमवती देवी को हराया था. इसके पहले 2012 में सपा के टिकट पर ही मनोज कुमार पारस ने बसपा के ओमवती देवी को हराने में सफलता हासिल की थी.

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