UP Chunav 2022: 17 बार चुनाव, BJP एक बार जीती, दलित और मुस्लिम मतदाता बनने वाले हैं गेमचेंजर?
नजीबाबाद विधानसभा सीट पर 17 बार चुनाव हो चुके हैं. इसमें बीजेपी को एकबार ही जीत मिली है. नजीबाबाद सीट पर दूसरे चरण में 14 फरवरी को वोटिंग और 10 मार्च को मतगणना होगी.
UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में नजीबाबाद सीट पड़ती है. नजीबाबाद सीट के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलेगा कि सभी पार्टियों के लिए जीत काफी मुश्किल है. नजीबाबाद सीट पर दूसरे चरण में 14 फरवरी को वोटिंग और 10 मार्च को मतगणना होगी. सबसे खास बात यह है कि नजीबाबाद विधानसभा सीट पर 17 बार चुनाव हो चुके हैं. इसमें बीजेपी को एकबार ही जीत मिली है.
17 बार चुनाव, महज एक बार जीती बीजेपी
राम मंदिर के आंदोलन के दौरान नजीबाबाद सीट से बीजेपी को जीत मिली थी. इसके बाद बीजेपी को कभी भी सफलता नहीं मिल सकी है. नजीबाबाद सीट से इस बार बीजेपी ने कुंवर भारतेंदु सिंह को टिकट दिया है तो कांग्रेस पार्टी ने मोहम्मद सलीम अंसारी पर अपना भरोसा जताया है. इस सीट पर मुस्लिम और दलित मतदाता जीत-हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं. इन पर सभी पार्टियों की नजरे टिकी हुई हैं.
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नजीबाबाद सीट के सियासी समीकरण खास
नजीबाबाद विधानसभा सीट पर तीन लोगों ने ही लगातार दो बार जीत हासिल करने में सफलता पाई थी. 1967 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में साहनपुर स्टेट के राजा देवेंद्र सिंह जीत हासिल की. 1969 में बीकेडी के टिकट पर राजा देवेंद्र सिंह दोबारा विधानसभा पहुंचे थे. वहीं, मास्टर रामस्वरुप ने साल 1993 में पहली बार जीत हासिल की. मास्टर रामस्वरूप 1996 और 2002 के चुनाव में भी विधायक चुने गए थे. मास्टर रामस्वरूप नजीबाबाद से तीन बार विधायक चुने गए थे. सपा से विधायक तसलीम अहमद भी दोबारा इसी सीट से विधायक हैं. तीनों के अलावा इस सीट पर लगातार दो बार कोई नहीं जीत पाया. कांग्रेस से सुक्खन सिंह दो बार विधायक रहे. लेकिन, वो लगातार नहीं जीत सके थे.
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बीजेपी को 2012 और 2017 में मिली थी हार
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में नजीबाबाद विधानसभा सीट से सपा के तसलीम अहमद ने बीजेपी के राजीव कुमार अग्रवाल को दो हजार वोटों के अंतर से हराया था. जबकि, 2012 के विधानसभा चुनाव में तसलीम अहमद ने बसपा के टिकट पर बीजेपी के प्रत्याशी राजीव कुमार अग्रवाल को हरा दिया था.