UP Election 2022: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटलैंड का एक महत्वपूर्ण जिला शामली है. इसे बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने शासनकाल में 2011 में जिला का दर्जा दिया था. मायावती ने शामली का नाम प्रबुद्धनगर रखा था. बाद में अखिलेश यादव की सरकार में प्रबुद्धनगर का नाम बदलकर शामली जिला कर दिया गया. शामली के नजदीक सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिले हैं. शामिल से हरियाणा का पानीपत जिला सबसे करीब है. यह समूचा इलाका ही गन्ने की खेती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं.
शामली जिले की तीनों विधानसभा सीट (कैराना, थाना भवन, शामली) में मुस्लिम, जाट और दलित वोटर्स को गेम चेंजर माना जाता है. यहां का जाट और मुस्लिम वोटर मिलकर किसी भी पार्टी को जिताने की ताकत रखता है. राष्ट्रीय लोकदल और सपा के उम्मीदवार इसी समीकरण के सहारे यहां से जीतते भी रहे हैं. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद से जाट वोट बीजेपी के पास चला गया. इसका सियासी फायदा भी पार्टी को पहुंचा. 2022 के चुनाव में किसान आंदोलन से जाट और मुस्लिमों के बीच की दूरियां कम हुई हैं. वहीं, रालोद और सपा ने गठबंधन का ऐलान करके बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है.
एक समय लोगों के पलायन ने शामली को देश-विदेश की खबरों में सुर्खियां दिलाई थीं. आज भी दावे के बावजूद यहां कई समस्याएं जस की तस हैं. शामली शहर में रेलवे फाटक नहीं है. इस कारण जाम लगना रोज की बात है. बाईपास नहीं होने के चलते शहर में ट्रैफिक व्यवस्था भी खस्ताहाल है. शामली जिले के गन्ना किसानों को दाम भी सही नहीं मिलता है. बिजली के महंगे रेट से भी इलाके के लोग परेशान हैं.
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तेजिंदर सिंह निर्वाल – बीजेपी
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प्रसन्न चौधरी – रालोद
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ब्रिजेंद्र मलिक – बसपा
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के तेजेंद्र निर्वाल ने कांग्रेस के पंकज मलिक को हराया था. जबकि, 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पंकज कुमार मलिक ने सपा के वीरेंद्र सिंह पर जीत दर्ज की थी.
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मतदान- 10 फरवरी
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मतगणना- 10 मार्च
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तेजेंद्र निर्वाल – भाजपा – विजेता – 70,085
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पंकज कुमार मलिक – कांग्रेस – उपविजेता – 40,365
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पंकज कुमार मलिक – कांग्रेस – विजेता – 53,947
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वीरेंद्र सिंह – सपा – उपविजेता – 50,206