कृष्ण जन्मभूमि विवाद: हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 3 अक्टूबर को
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 3 अक्टूबर की तारीख तय की है. मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि भूमि विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं को जिला न्यायालय मथुरा, उत्तर प्रदेश से अपने पास स्थानांतरित कर दिया गया है.
Krishna Janmabhoomi Dispute: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 3 अक्टूबर की तारीख तय की है. इस प्रकरण में मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि भूमि विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं को जिला न्यायालय मथुरा, उत्तर प्रदेश से अपने पास स्थानांतरित कर दिया गया है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद संबंधी याचिका पर सुनवाई के लिए तीन अक्तूबर की तारीख तय की है. दरअसल बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन्मभूमि विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं को जिला अदालत, मथुरा से अपने पास स्थानांतरित करा लिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मई में जन्मभूमि विवाद से जुड़ी सभी याचिकाएं अपने पास स्थानांतरित कराईं थी. हाईकोर्ट ने एक याचिका पर यह फैसला दिया था, जिसमें मांग की गई थी कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है, इसलिए हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होनी चाहिए. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है, जिसमें से 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान की है, वहीं ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया है. हिंदू पक्ष की मांग है कि शाही ईदगाह मस्जिद को हटाया जाए.
इस बीच वृंदावन के श्रीबांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रकरण में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. पिछली सुनवाई 18 सितंबर को हुई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने विवाद को लेकर पक्षकारों के बीच सुलह वार्ता कराने का प्रशासन को निर्देश दिया था. अभी तक पक्षकारों के बीच कोई सुलह नहीं हो सकी है.
याची मधु मंगल दास ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर विरोध किया है कि सरकार कॉरिडोर निर्माण के लिए मंदिर के रुपए के चढ़ावे का उपयोग करना चाहती है, जो कि गलत है. इसके अलावा वृंदावन की मूल पहचान कुंज गलियों के स्वरूप को कॉरिडोर निर्माण से नुकसान होगा. दूसरी ओर याची अनंत शर्मा की ओर से कॉरिडोर के पक्ष में याचिका दाखिल की गई है. सरकार और ब्रज तीर्थ विकास परिषद, स्थानीय प्रशासन भी कॉरिडोर के पक्ष में है. दोनों पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं.