Lakhimpur Kheri मामले में पहली जमानत, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के साले वीरेंद्र शुक्ला को मिली राहत
अदालत के आदेश के बाद 20-20 हजार रुपए के दो मुचलके के बाद आरोपी वीरेंद्र शुक्ला को न्यायिक हिरासत से मुक्त कर दिया गया.
Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा मामले में सोमवार को पहली बार किसी आरोपी की जमानत मिली. सीजेएम चिंताराम ने पलिया के ब्लॉक प्रमुख और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के साले वीरेंद्र शु्क्ला की जमानत सोमवार को सुनवाई के बाद मंजूर कर ली गई. अदालत के आदेश के बाद 20-20 हजार रुपए के दो मुचलके के बाद आरोपी वीरेंद्र शुक्ला को न्यायिक हिरासत से मुक्त कर दिया गया.
तिकुनिया हिंसा मामले में तीन जनवरी को पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद 14वें आरोपी के रूप में पलिया ब्लॉक प्रमुख वीरेंद्र शुक्ला का नाम सामने आया था. एसआईटी ने घटना को अंजाम देने वाली स्कार्पियों को छिपाने और जांच टीम को गलत सूचनाएं देकर साक्ष्य को छिपाने के लिए वीरेंद्र शुक्ला को दोषी पाया. स्कार्पियो गाड़ी के स्वामी वीरेंद्र शुक्ला पर आईपीसी की धारा 201 लगाई गई थी. उन्हें नोटिस देकर छोड़ा गया. एसआईटी की 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल होने के बाद अदालत ने जेल में बंद आरोपियों के साथ वीरेंद्र शुक्ला के खिलाफ भी समन जारी किया था.
सोमवार को अदालत में वीरेंद्र शुक्ला के वकील अनिल त्रिवेदी की तरफ से आत्मसमर्पण की अर्जी दाखिल की गई. सीजेएम चिंताराम ने अर्जी मंजूर करते हुए वीरेंद्र शुक्ला को न्यायिक हिरासत में ले लिया. इसके तत्काल बाद वीरेंद्र की जमानत अर्जी अदालत में पेश कर दी गई. जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद सीजेएम चिंताराम ने 20-20 हजार रुपए के मुचलके पर वीरेंद्र शुक्ला को न्यायिक हिरासत से मुक्त करने का आदेश दिया. सीजेएम चिंताराम ने सीआरपीसी 207 के तहत आरोपियों को केस से जुडी नकलें प्रदान की. साथ ही पत्रावली निर्णायक सुनवाई के लिए जिला जज मुकेश मिश्र की अदालत के सुपुर्द कर दी गईं.