Lakhimpur Kheri: लखीमपुर हिंसा की सुनवाई के दौरान योगी सरकार को SC से फटकार, 26 अक्टूबर को अगली सुनवाई
Lakhimpur Kheri: सीजेआई एनवी रमन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम रात के एक बजे तक स्टेटस रिपोर्ट का इंतजार करते रहे. हमें स्टेटस रिपोर्ट अभी दी गई है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक दिन पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद आपने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी कर दी.
Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने स्टेटस रिपोर्ट में देरी करने पर यूपी सरकार को फटकार लगाई. सीजेआई एनवी रमन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम रात के एक बजे तक स्टेटस रिपोर्ट का इंतजार करते रहे. हमें स्टेटस रिपोर्ट अभी दी गई है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक दिन पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद आपने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी कर दी.
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा- हमने सीलबंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा- हमें यह रिपोर्ट आज मिली है. कल शाम तक हम इसका इंतज़ार करते रहे. इस पर साल्वे ने कहा- तो इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को की जाए. इस पर कोर्ट ने दो टूक की बात कही इस मामले को अब टाला नहीं जा सकता. राज्य सरकार की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट से सीजेआई संतुष्ट नहीं दिखे. मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने यह टिप्पणी की है. उन्होंने यह टिप्पणी 164 सेक्शन के तहत मात्र चार गवाहों का बयान देखने के बाद की. हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, वहां 44 गवाहों की बात कही गई थी. खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से कहा कि अन्य गवाहों के बयान क्यों नहीं दर्ज किए गये हैं? इसका वो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
इसके साथ कोर्ट ने कहा कि जल्द ही मजिस्ट्रेट के सामने सबके बयान दर्ज किये जाएं. साथ ही, पीठ ने साल्वे से पूछा कि कितने लोगों की इस मामले में गिरफ्तारी की गई है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अब तक इस कांड में दस लोगों को हिरासत में लिया गया है. कोर्ट ने साल्वे से यह भी पूछा कि अब तक इस पूरे मसले पर राज्य सरकार ने क्या-क्या काम किया है? इसका साल्वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
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बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे यह आभास हो रहा है कि यूपी पुलिस जांच में अपने पैर खींच रही है. बता दें कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी. इनमें से चार प्रदर्शनकारी किसान थे. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले की गाड़ियों ने किसानों को कुचल दिया था. इसमें मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा समेत कई आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
(रिपोर्ट: नीरज तिवारी, लखनऊ)