Lakhimpur Kheri News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में रविवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया था. पुलिस की नोटिस के बावजूद आशीष मिश्रा लखीमपुर क्राइम ब्रांच के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए नहीं पहुंचे. आशीष मिश्रा को सुबह दस बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इसके बावजूद वो तय समय पर अपना बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित नहीं हुए.
सूत्रों की मानें तो लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा और अंकित दास के फरार होने की खबरें हैं. दोनों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है. आशीष मिश्रा की पहली लोकेशन नेपाल थी. शुक्रवार सुबह की लोकेशन उत्तराखंड के बाजपुरा की बताई जा रही है. लखीमपुर पुलिस ने नेपाल और उत्तराखंड पुलिस से संपर्क में है.
मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के घर के बाहर शुक्रवार की सुबह सन्नाटा पसरा रहा. एक दिन पहले गुरुवार की शाम को पुलिस ने अजय मिश्रा टेनी के घर के बाहर नोटिस चिपकाया था. नोटिस के जरिए आशीष मिश्रा को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था. वहीं, लखीमपुर हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश में जारी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. विपक्षी दल लगातार योगी सरकार को घेर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत दूसरे दलों ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग भी तेज कर दी है.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के दौरान पुलिस ने दो लोगों से पूछताछ भी की है. आईजी लक्ष्मी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि आशीष मिश्रा को समन भेजा गया है. समन भेजने के बाद भी अगर आशीष मिश्रा पूछताछ के लिए नहीं आता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस कोर्ट जाएगी और कानून के तहत कार्रवाई भी करेगी. लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमें आशीष मिश्रा समेत कई लोगों के नाम शामिल हैं.
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लखीमपुर खीरी हिंसा में आशीष मिश्रा को आरोपी बताया जा रहा है. दूसरी तरफ उनके पिता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी बेटे पर लगाए जा रहे आरोपों को खारिज करते रहे हैं. अजय मिश्रा टेनी का कहना है कि उनके बेटे को बेवजह फंसाया जा रहा है. घटना के वक्त ना तो वो और ना ही उनका बेटा मौके पर मौजूद था. वो हर जांच के लिए तैयार हैं. दूसरी तरफ विपक्षी दलों का कहना है कि योगी सरकार केंद्रीय राज्यमंत्री के बेटे को बचाने की कोशिश में है.