तिकुनिया बवाल केस में आशीष को तीन दिनों की पुलिस रिमांड, पूछताछ के दौरान SIT को माननी होगी कई शर्तें
आशीष मिश्र ऊर्फ मोनू की पुलिस कस्टडी रिमांड पर सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के करीब एक घंटे के बाद सीजेएम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी आशीष मिश्रा को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया.
Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी स्थित सीजेएम कोर्ट ने सोमवार को आशीष मिश्रा को रिमांड पर लिए जाने से जुड़ी याचिका की सुनवाई हुई. एसआईटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट ने आरोपी को तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. पहले एसआईटी ने 14 दिनों की रिमांड मांगी थी. शनिवार देर रात हुई गिरफ्तारी के बाद जेल भेजे गए आशीष मिश्र ऊर्फ मोनू की पुलिस कस्टडी रिमांड पर सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के करीब एक घंटे के बाद सीजेएम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी आशीष मिश्रा को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया.
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बचाव पक्ष को है थर्ड डिग्री दिए जाने का डर
तकनीकी खराबी के कारण यह सुनवाई बीच में कुछ देर रोके जाने के बाद 2:27 बजे से दोबारा शुरू हुई थी. सुनवाई दोपहर 2:42 समाप्त हो गई. कोर्ट ने कुछ देर फैसला सुरक्षित रखा था. सुनवाई में बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी थी कि क्या पुलिस थर्ड डिग्री इस्तेमाल करने के लिए रिमांड मांग रही है? जवाब में अभियोजन अधिकारी की तरफ से कहा गया कि कुछ गवाहों से आमना-सामना करवाना है, जिस पर बचाव पक्ष ने कहा कि उन्हें जो भी पूछताछ करनी है वो उन्हें जेल में जाकर करनी चाहिए.
बचाव पक्ष ने कोर्ट में पेश की कई दलीलें…
बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि एसआईटी के सुबह 11 बजे बुलाने के बावजूद आरोपी 10:45 बजे उपस्थित हो गया था. जांच अधिकारियों ने 40 सवाल पूछे और पूरे 12 घंटे पूछताछ हुई. उनके मुवक्किल ने सभी सवालों का सिलसिलेवार तरीके से उत्तर दिया. इसके अलावा वीडियो साक्ष्य के लिए पेन ड्राइव और करीब डेढ़ सौ फोटो दिए गए. लखीमपुर खीरी की हिंसा वाली दोपहर 2:00 बजे से 2:30 बजे तक और 3:00 बजे तक 4:00 बजे तक के वीडियो फुटेज समेत अन्य साक्ष्य दिए गए हैं. बचाव पक्ष ने बार-बार कहा कि लखीमपुर हिंसा के समय आरोपी आशीष मिश्रा दंगल कार्यक्रम में था.
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पुलिस को आरोपी आशीष की सशर्त रिमांड
लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की 12 अक्टूबर से शुरू होने वाली रिमांड अवधि के दौरान कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई है. पूछताछ के दौरान आशीष मिश्रा के अधिवक्ता भी मौजूद रहेंगे. मेडिकल जांच के बाद ही आशीष मिश्रा को पुलिस कस्टडी में लिया जाएगा. जेल में बंद होने के दौरान भी आशीष मिश्रा का मेडिकल परीक्षण होगा. इसके अलावा एसआईटी आशीष से निश्चित दूरी से ही पूछताछ कर सकेगी.
आखिर कैसे हुई हिंसा आरोपी की गिरफ्तारी?
लखीमपुर हिंसा मामले में एसआईटी के हाथ बड़ा सबूत लगा है. पुलिस ने घटनास्थल के पास से दो दुकानों के डीवीआर जब्त किए थे. सूत्रों के मुताबिक जिस वक्त तिकुनिया हिंसा हुई उस वक्त केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का आरोपी बेटा आशीष घटनास्थल पर ही था. उस वक्त उसने सफेद शर्ट पहन रखी थी. एसआईटी को मिले सीसीटीवी में वो दिख भी रहा है. इसी फुटेज के आधार पर आशीष को गिरफ्तारी हुई है.
तिकुनिया में जिस थार जीप से किसानों को कुचला गया था, उसमें आरोपी आशीष की तरह सफेद शर्ट पहने हुए एक व्यक्ति बैठा दिख रहा है. हालांकि, हिंसा के बाद दावा किया गया था कि जीप ड्राइवर हरिओम चला रहा था और उसने सफेद रंग की शर्ट पहन रखी थी. उसकी किसानों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. दूसरी तरफ थार जीप के ड्राइवर हरिओम का शव पीले रंग की धारीदार शर्ट में बरामद हुआ था.
(रिपोर्ट: उत्पल पाठक, लखनऊ)