लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. दरअसल, SIT ने शुरूआती जांच के बाद आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या, साजिश सहित कई धाराएं जोड़ने की अर्जी कोर्ट में दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी की टीम जांच कर रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक लखीमपुर खीरी में किसानों के कार से कुचलने के मामले में जांच कर रही एसआईटी की टीम ने आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमें के धाराओं में बदलाव करने की अर्जी दाखिल की है. एसआईटी ने शुरूआती जांच के बाद इनमें बदलाव करने की बात कही है.
सहायक अभियोजन अधिकारी की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि विवेचक ने माना है कि किसानों की हत्या लापारवाही में नहीं, बल्कि साजिशन की गई है. इसलिए आरोपियों पर आईपीसी 302, 307, 326, 120बी सहित अन्य धाराओं को जोड़ने की अनुमति दी जाए. कोर्ट में एसआईटी ने आरोपियों के ऊपर से संबंधित धारा 279, 338 व 304 (ए) हटाने की भी परमिशन मांगी है.
मंत्री ने कहा था दे दूंगा इस्तीफा- बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा था कि अगर बेटा जांच में दोषी पाया जाएगा, तो इस्तीफा दे दूंगा. वहीं अब टेनी के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इधर, विपक्ष भी लगातार टेनी के इस्तीफे की मांग कर रही है.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उस समय हिंसा भड़क उठी थी, जब किसान, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अजय मिश्रा के पैतृक घर जाने का विरोध कर रहे थे. इसके बाद हुई हिंसा में चार आंदोलनकारी किसानों को एक वाहन ने कुचल दिया, जबकि एक पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ताओं सहित चार अन्य की भी मौत हो गई. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है.