लक्ष्य 2024: बसपा का ‘गांव चलो’ अभियान शुरू, युवाओं और महिलाओं को जोड़ने पर रहेगा फोकस
उत्तर प्रदेश में भाजपा के बाद बहुजन समाज पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. बसपा ने प्रदेश में 'गांव चलो' अभियान शुरू कर दिया है. नगर निकाय चुनाव में मिली मात के बाद बसपा अब गांवों पर फोकस कर रही है.
Lucknow : उत्तर प्रदेश में भाजपा के बाद बहुजन समाज पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. बसपा ने प्रदेश में ‘गांव चलो’ अभियान शुरू कर दिया है. नगर निकाय चुनाव में मिली मात के बाद बसपा अब गांवों पर फोकस करेगी. बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस अभियान की पूरी रूपरेखा पार्टी पदाधिकारियों को समझा दी है. उनके द्वारा कहा गया है कि गांव गांव जाकर अपने काडर वोटर को सबसे पहले समझाओ. जो छिटक रहे हैं, उन्हें जोड़ो.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने नगर निकाय चुनाव की पिछले माह समीक्षा की थी. उन्होंने कहा था कि नगर निकाय की चुनाव में जो कमी रही, अब उससे आगे बढ़कर काम करना है. लोकसभा चुनाव तक पूरी तैयारियों में जुट जाना है. अभियान का मूलमंत्र है ”वोट हमारा राज तुम्हारा, नहीं चलेगा”. यह अभियान गांव गांव में चलेगा और लोगों को इससे जोड़ा जाएगा. लोकसभा चुनाव तक संगठन को मजबूत करना है और निकाय चुनाव में रही सभी कमियों को दूर करते हुए मिशनरी लक्ष्य में जुट जाना है.
बसपा कोआर्डिनेटरों ने इस अभियान के लिए बैठकें शुरू कर दी हैं. बसपाइयों का कहना है कि गांव गांव बसपा का पुराना वोटर रहा है. बस उसे दोबारा जोड़ना है. दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद नगर निकाय चुनाव में भी बसपा को सफलता नहीं मिली. इसलिए अब फोकस लोकसभा चुनाव पर है. इस अभियान के तहत गांव-गांव में हो रही बैठकों में पार्टी संस्थापक कांशीराम की शैली में जमीन पर दरी बिछाकर आयोजित की जा रही है. इसमें कुर्सी मेज का इंतजाम नहीं है.
गांवों के माहौल पर फोकस
कोआर्डिनेटरों को कहा गया है कि गांवों के माहौल पर फोकस करें. देखें कि उनके कौन से मुद्दे ऐसे हैं जिन पर बसपा काम कर सकती है. विशेष तौर पर काडर वर्ग के युवाओं को जोड़ना होगा. इसके अलावा महिलाओं की टीम भी गांवों में खड़ी करनी होगी. तभी लोकसभा चुनाव के लिए ट्रैक तैयार हो सकेगा.
बूथ तक पहुंचो
मायावती ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक मंडल से काम शुरू करो और फिर हर गांव के बूथ तक जाना है. सेक्टर प्रभारियों को लगाया गया है. सेक्टरों की बैठक में बूथ कमेटियां बनाने का निर्णय होगा. उन्होंने कहा है कि बूथों पर यह देख लें कि पुराने कार्यकर्ताओं में अभी कितने सक्रिय हैं. जो काम नहीं कर रहे हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाओ. नए लोगों को जोड़ों और बूथ पर जिम्मेदारी तय करो.