लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों के 24वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहले भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी. उस समय भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और जातिवाद चलता था. योग्यता और प्रतिभा के साथ अन्याय होता था. लेकिन, हमने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए अच्छे ईमानदार लोगों की टीम तैयार की. पिछले छह वर्षों में पुलिस विभाग में एक लाख 64 हजार से अधिक पदों को पारदर्शी तरीके से भरा गया. सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपने उत्सवों और महोत्सवों के लिए जाना जाता था, लेकिन बाद में यह अव्यवस्था की भूमि में बदल गया. राजनीतिक संकट के दौरान माफियाओं ने राज्य को अपनी चपेट में ले लिया और ऐसा लगने लगा कि यूपी का कोई भविष्य नहीं है.
सीएम ने कहा कि पिछले छह सालों में राज्य में जो बदलाव आया था, वह अब लोगों को दिखने लगा है. आज यूपी अवसरों और विकास की भूमि है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी आबादी है. लेकिन किसी भी जिले में कोई दंगा या अराजकता नहीं है. आज सभी जिलों में ईद मनाई जा रही है और नमाज अदा की जा रही है. हालांकि नमाज सड़क पर नहीं बल्कि ईदगाह मैदान में पढ़ी जा रही थी. यातायात में कोई व्यवधान नहीं था. क्योंकि सभी जानते थे कि कानून का शासन है और कानून बिना किसी भेदभाव के लागू किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है.
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— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 22, 2023
योगी ने कहा कि जब 2017 में उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश की कमान संभाली थी तो उस समय उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग से जुड़ी परीक्षाओं में शिकायतों का अंबार नजर आया था. कई भर्ती प्रक्रियाओं में न्यायालय से स्थगनादेश चल रहा था और कुछ मामलों में अदालत ने गंभीर टिप्पणियां भी कर रखी थीं. पुलिस में डेढ़ लाख पद खाली पड़े थे. क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगन था. मैंने अधिकारियों से कहा कि भर्ती को लेकर जो भी कमियां थीं उसे दूर करिए. शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक आदर्श समाज में संघ लोक सेवा आयोग हो या राज्यों के लोक सेवा आयोग हो, इन सभी की बड़ी भूमिका होती है.