माफिया अतीक अहमद पर फिर कसा कानूनी शिकंजा, एक और अपहरण केस में आरोप तय, जल्द होगी सजा
लखनऊ में आज प्रॉपर्टी डीलर अपहरण केस में माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे उमर सहित 12 आरोपियों पर CBI की स्पेशल कोर्ट में आरोप तय कर दिए.
लखनऊ : माफिया अतीक अहमद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आज लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर अपहरण केस में माफिया और उसके बेटे उमर सहित 12 आरोपियों पर लखनऊ में CBI की स्पेशल कोर्ट में आरोप तय कर दिए. आपको बता दें कि उमेश पाल अपहरण कांड में माफिया साबरमती जेल में सजायफ्ता है, वह वहीं से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जुड़ा था. पेशी पर पहुंचा अतीक का बेटा उमर ने मीडिया से कहा कि उमेश पाल हत्याकांड में घर की महिलाओं को फंसाया जा रहा है. आपको बता दें कि प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल ने 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाते हुए, आरोप लगाया था कि 2018 में उसको को जबरन अगवा किया था. इसके बाद देवरिया जेल में लाकर उसकी पिटाई की गई. इस काम में माफिया के 10 समर्थकों ने मदद की थी.
अन्य लोगों पर पहले ही तय किए जा चुके हैं आरोप
हालांकि आज शुक्रवार को गुड फ्राइडे है. इसलिए गुड फ्राइडे पर छुट्टी को देखते हुए लखनऊ बार एसोसिएशन की तरफ से कार्य न किए जाने का फैसला किया गया था. मगर शुक्रवार को CBI की स्पेशल कोर्ट ने सभी अतीक अहमद और उसके बेटे उमर पर आरोप तय कर दिया. इस केस को CBI के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह देख रहे हैं. उन्होंने मामले में आरोपी अतीक और उसके बेटे उमर को आरोपों से मुक्त (डिस्चार्ज) करने की अर्जी 27 मार्च को खारिज कर दी थी. गौरतलब है कि कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए 7 अप्रैल की तारीख तय की थी. अतीक की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और जमानत पर रिहा सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने को कहा था. आपको बता दें कि कोर्ट ने CBI को आदेश दिया था कि वह जेल में बंद सभी आरोपियों को व्यक्तिगत या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश करें. इस मामले में अन्य आरोपियों पर आरोप पहले ही कोर्ट ने तय कर दिए थे, जिनमें पवन सिंह, जफरुल्ल मोहम्मद फारूख, इरफान अहमद, महेंद्र सिंह, योगेश कुमार, नीतीश मिश्रा, गुलाम मोईन सिद्दीकी, मोहम्मद हमजा और जकी अहमद की डिस्चार्ज अर्जी कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दी थी.
यहां जानिए क्या है मामला
2018 में प्रॉपर्टी डीलर मोहित के साथ देवरिया जेल में हुई थी मारपीट अतीक अहमद दिसंबर 2018 में यूपी के देवरिया जेल में बंद था. उस समय लखनऊ के आलमबाग के रहने वाले कारोबारी मोहित जायसवाल उससे मिलने जेल में आया था. बाद में उसने आरोप लगाया था कि अतीक के इशारे पर गुर्गें उसे जबरन लखनऊ से उठाकर SUV से देवरिया जेल ले गए थे. जेल में अतीक अहमद से मुलाकात कराई गई. जेल में अतीक के बेटे उमर और गुर्गों ने उसकी पिटाई की और जान से मारने धमकी दी. साथ ही करोड़ों की जमीन पर जबरन साइन करा लिया गया. मोहित से अतीक के गैंग ने रंगदारी भी मांगी थी. घटना की विवेचना कृष्णा नगर पुलिस ने 2018 में की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेकर CBI जांच कराने का आदेश दिया था. CBI ने 12 जून 2019 को मामले की जांच शुरू की. मामले में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग चार चार्जशीट दाखिल की गई हैं.
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