मायावती ने ट्वीट कर कुछ इस तरह निकाला गुस्सा, कहा- करोड़ों श्रमिकों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
कोरोना वायरस से जंग के बीच देश में लागू लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के मामले को लेकर यूपी में जारी राजनीति कम होता नहीं दिख रहा है. हाल में प्रवासी मजदूरों के लिए बसों के मुद्दे पर सियासी बयानबाजी का सिलसिला अब भी जारी है. इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो एवं यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने गुरुवार को एक के बाद कई ट्वीट कर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है.
लखनऊ : कोरोना वायरस से जंग के बीच देश में लागू लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के मामले को लेकर यूपी में जारी राजनीति कम होता नहीं दिख रहा है. हाल में प्रवासी मजदूरों के लिए बसों के मुद्दे पर सियासी बयानबाजी का सिलसिला अब भी जारी है. इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो एवं यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने गुरुवार को एक के बाद कई ट्वीट कर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर निकाला गुस्सा निकालते हुए अपने ट्वीट में कहा है कि आज पूरे देश में कोरोना लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लंबे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता?
1. आज पूरे देश में कोरोना लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता? 1/4
— Mayawati (@Mayawati) May 23, 2020
वहीं, एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा है कि वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लाॅकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है. कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता.
मायावती ने इसके साथ ही कहा, बीजेपी की केंद्र व राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिन्हों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर यदि अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी. मायावती ने बीएसपी के लोगों से भी पुनः अपील है कि जिन प्रवासी मजदूरों को उनके घर लौटने पर उन्हें गांवों से दूर अलग-थलग रखा गया है तथा उन्हें उचित सरकारी मदद नहीं मिल रही है तो ऐसे लोगों को भी अपना मानकर उनकी भरसक मानवीय मदद करने का प्रयास करें. मजलूम ही मजलूम की सही मदद कर सकता है.