Lok Sabha: इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति का अंत हुआ, लोकसभा में बोले अखिलेश यादव
Lok Sabha: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में बोल रहे थे. उन्होंने इस दौरान बीजेपी की नीतियों पर चौतरफा हमला बोला.
लखनऊ: 18वीं लोकसभा (Lok Sabha)सत्र के सातवें दिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में बोल रहे थे. उन्होंने पहले लोकसभा स्पीकर का धन्यवाद दिया. इसके बाद शेर से अपने व्यक्तत्व की शुरुआत की. अखिलेश ने कहा कि इस सरकार का आवाम ने तोड़ दिया हुकूमत का गुरूर है. दरबार तो लगा है लेकिन गमगीन और बेनूर है. पहली बार ऐसा लग रहा है हारी हुई सरकार विराजमान है. जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, ये गिरने वाली सरकार है. क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं है, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी वो तो कई सरकार नहीं.
इंडिया एलायंस की नैतिक जीत हुई
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि पूरा इंडिया समझ गया है कि इंडिया ही ट्रू इंडिया है. इस चुनाव में इंडिया एलायंस की नैतिक जीत हुई है. ये पीडीए इंडिया की सकारात्मक राजनीति की जीत हुई है. 4 जून को देश में सांप्रदायिक राजनीति का अंत हुआ है. वहीं सामुदायिक राजनीति की शुरुआत हुई है. इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति की हमेशा के लिए हार हो गई है.
फिफ्थ लार्जेस्ट इकोनामी के दावे पर उठाए सवाल
सपा अध्यक्ष ने कहा कि कहने को यह सरकार कहती है कि ये फिफ्थ लार्जेस्ट इकोनॉमी बन गई है. जीडीपी के मामले वर्ल्ड की फिफ्थ इकोनॉमी बन गई है. लेकिन यह सरकार क्यों छुपाती है कि हम यदि विश्व में पांचवे नंबर पर हैं तो हमारे देश की पर कैपिटा इनकम किस स्थान पर पहुंची है? हमने देखा है कि दिल्ली की सरकार ने कहा होगा कि पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगी. तो जहां से प्रधानमंत्री चुनकर आते हैं वहां के प्रदेश की सरकार कह दे कि हम वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बना लेंगे. देश की इकोनॉमी कहां पहुंच गई पर कैपिटा इनकम क्या है? यदि उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनना है तो 35 प्रतिशत की ग्रोथ चाहिए. मुझे नहीं लगता है कि 35 प्रतिशत की ग्रोथ यूपी पा पाएगा. अखिलेश यादव ने कहा कि वर्ल्ड हंगर इंडेक्स पर कहां खड़े हैं, नीचे से कहां है? जो फिफ्थ लार्जेस्ट इकोनॉमी की बात कर रहे हैं. वो हैप्पीनेस इंडेक्स में कहां खड़े हैं.
अयोध्या की जीत परिपक्व मतदाता की समझ की जीत
अयोध्या की जीत भारत के परिपकव मतदाता के लोकतांत्रिक समझ की जीत है. होई वहीं जो राम रचि राखा, ये है उसका फैसला, जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज. जो करते थे किसी को लाने का दावा, वो हैं खुद किसी के सहारे के लाचार. हम अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम, जो सच्चे मन से करते हैं सबका कल्याण, सदियों में जन जन गाता है जिनके गान, अभयदान देती है जिनकी मंद मंद मुस्कान, मानवता के लिए उठता तीर कमान, जो असत्य पर सत्य की जीत का है नाम, उफनती नदी पर बांधे जो मर्यादा के बांध, वो है अवध के राजा पुरषोत्तम प्रभु राम, हम अयोध्या लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम.
पिछले 10 साल की उपलब्धि शिक्षा परीक्षा माफिया का जन्म
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने वह हालत देखे कि नौजवान जब भी तैयारी करके जाता था, परीक्षा देकर लौटता था तो उसको पता चलता था कि पेपर लीक हो गया. यूपी एक पेपर लीक नहीं हुआ है, जितनी परीक्षा हुई सब पेपर लीक हुए हैं. कई ऐसे प्रदेश हैं जहां परीक्षाएं देने तो बच्चे गए, लेकिन वहां भी पेपर लीक हो गया. अभी जब 4 जून को रिजल्ट आया, उसके बाद जो बात उठी है. देश की सबसे प्रेस्टीजियस परीक्षा का पेपर लीक हो गया. आखिरकार पेपर लीक हो क्यों रहा है. सच्चाई तो ये है कि ये सरकार पेपर लीक इसलिए करा रही है कि सरकार नौकरी नहीं देना चाहती, रोजगार नहीं देना चाहती, नौजवानों का भविष्य नहीं बनने देना चाहती. पिछले 10 सालों की उपलब्धि बस इतनी रही है कि शिक्षा परीक्षा माफिया का जन्म हुआ है. जिसने तथाकथित अमृत काल में युवाओं के भविष्य की आशाओं को जहर दिया है. जो सरकार उम्मीद को मार दे वो न तो वर्तमान को सुधार सकती है और न भविष्य को संवार सकती है. सरकार को आशा का प्रतीक होना चाहिए, निराशा का नहीं.
अखिलेश के भाषण के मुख्य बिंदु
-देश विरोधी और युवा विरोधी अग्निवीर स्कीम को तो हम हटा कर ही रहेंगे, ओल्ड पेंशन स्कीम को भी सरकार आने पर बहाल करके ही रहेंगे
-EVM पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था, आज भी भरोसा नहीं है. यूपी की 80 में से 80 सीट जीत जाऊं तो भी भरोसा नहीं होगा.
-ये सरकार आरक्षण विरोधी है, पेपर लीक इसलिए कराती है, जिससे कि सरकारी नौकरी ना देनी पड़े, क्योंकि सरकारी नौकरी देनी पड़ेगी, तो आरक्षण भी देना पड़ेगा. आरक्षण का हक ‘नॉट फाउंड सुटेबल’ के नाम पर हड़पा जा रहा है.