Lok Sabha Election 2024: पुलिस प्रशासन वोट डालने से रोके तो धरने पर बैठ जाएं-जनता से बोले अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को बाराबंकी और लखनऊ के मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र (Lok Sabha Election 2024) में जनसभाएं की. यहां उन्होंने जनता से पुलिस प्रशासन के रोकने के बावजूद वोट डालने की अपील की. साथ ही चुनाव आयोग से कहा कि वो देखें की सब वोट डालने जाएं.
लखनऊ: अखिलेश यादव ने (Lok Sabha Election 2024) चौथे चरण के मतदाताओं से अपील की है कि वो वोट जरूर डालें. उन्होंने कहा कि चौथे चरण के मतदाताओं से अपील करुंगा कि पुलिस प्रशासन रोके तब भी वोट डालने जरूर जाना. चुनाव आयोग हमेशा प्रेरित करता है कि ज्यादा से ज्यादा वोट डालें. लेकिन इधर देखने को मिला है बीजेपी जब से हताश हुई है वो पुलिस और प्रशासन को आगे कर रहा है. पुलिस और प्रशासन वोटिंग रोक रहे हैं. ऐसा हमे संभल, बदायूं में देखा और रामपुर में भी देखा था. इसलिए (Samajwadi Party) मतदाताओं से कहूंगा कि वो वोट डालने जरूर जाएं. यदि पुलिश प्रशासन रोके तो वहीं धरने पर बैठ जाएं, या ऐसा रास्ता बनाएं कि कम से कम वोट डालने पहुंच जाएं, क्योंकि सरकार वोट डालने वालों को रोकना चाहती है.
सातवें चरण में जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर होगा
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि चुनाव हर चरण में आगे बढ़ता जा रहा है. इसी के साथ जनता का गुस्सा बीजेपी के खिलाफ बढ़ता जा रहा है. सातवें चरण तक बीजेपी के खिलाफ जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर होगा. इनके पास मंहगाई कम करने का कोई रास्ता नहीं था. इन्होंने महंगाई बढ़ाई, बेरोजगारी बढ़ाई, किसान को संकट में डाल दिया. लखनऊ को लेकर उन्होंने कहा कि यही शहर है जिसमें निवेश के लिए बड़े-बड़े मेले लगे, जी20, इन्वेस्टमेंट मीट, डिफेंस एक्सपो यहां हुआ. लेकिन जमीन पर क्या पहुंचा, न नौकरी न रोजगार.
जान और संविधान दोनों को खतरा
अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह का काम सरकार ने किया है आज जान को भी खतरा हो गया. जो वैक्सीन लगवाई उससे जान का खतरा और अब संविधान के पीछे भी पड़े हैं. इसलिए बहुजन समाज के लोग और तमाम वो लोग जो संविधान में आस्था रखते हैं और संविधान प्रति समर्पित हैं, वो संविधान बचाने के लिए एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ वोट करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले (Lok Sabha Election 2024) चार सौ पार नारा इसलिए दे रहे थे क्योंकि संविधान बदलना चाह रहे हैं. अब ये चार सौ पार बोल नहीं पा रहे हैं. इसीलिए इनकी भषा, व्यवहार और जो शब्द बोल रहे हैं भाषणों में वो बदल गए हैं. दूसरों के लिए गड्ढा खोदा था, आज उसी गड्ढे में खुद गिर गए हैं.