लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज (Lok Sabha Election 2024) कन्नौज लोकसभा (Kannauj Lok Sabha) सीट से नामांकन करेंगे. समाजवादी पार्टी के अधिकृत सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर इसकी जानकारी पहले ही दे दी गई है. अखिलेश यादव ने भी इटावा में कहा था कि जब नामांकन होगा तब सबको जानकारी हो जाएगी. 22 अप्रैल को समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को कन्नौज से टिकट दिया था. लेकिन कार्यकर्ताओं की मांग पर अखिलेश यादव स्वयं चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. समाजवादी पार्टी से मिली जानकारी के अनुसार वो गुरुवार को दोपहर 12 बजे नामांकन करेंगे.
कन्नोज से शुरू हुआ राजनीतिक करियर
अखिलेश यादव वर्तमान में करहल सीट से विधायक हैं. वो नेता प्रतिपक्ष भी हैं. उन्होंने 2022 के चुनाव में आजमगढ़ लोकसभा सीट (Lok Sabha Election 2024) से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. उपचुनाव में आजमगढ़ सीट बीजेपी ने जीत ली थी. यदि वो फिर से सांसद बनते हैं तो यूपी की राजनीति से बाहर हो जाएंगे. ऐसे में चाचा शिवपाल यादव का यूपी में कद बढ़ जाएगा. माना जा रहा है कि एक वजह ये भी है कि अखिलेश यादव सांसद बनना नहीं चाहते. यदि शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो वो उनका कद और बढ़ जाएगा. अखिलेश यादव से पहले वरिष्ठ समाजवादी नेता रामगोविंद चौधरी नेता प्रतिपक्ष थे.
उप चुनाव में हासिल की थी जीत
(Lok Sabha Election 2024) सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के राजनीतिक सफर की शुरुआत कन्नौज से सन् 2000 में हुई थी. उन्होंने कन्नौज में लोकसभा का उपचुनाव जीता था. इसके बाद 2009 में उन्होंने फिर कन्नौज से चुनाव लड़ा और सांसद बने. 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन गए गए और 2017 तक उनका कार्यकाल चला. इसके बाद उन्होंने 2019 में आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ा और बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ को हराया था. 2022 में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा देकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
2014 में मोदी लहर के बावजूद जीते थे अखिलेश यादव
इत्र नगरी कही जाने वाली कन्नौज लोकसभा सीट चर्चा में रहती है. मोदी लहर के बावजूद 2014 में यहां अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव जीत हासिल कर चुकी हैं. उन्होंने सुब्रत पाठक को लगभग 20 हजार वोटों से हराया था. 2019 में सुब्रत पाठक ने करीबी मुकाबले में डिंपल यादव को हराकर कन्नौज में बीजेपी का परचम लहराया था. अब यहां सुब्रत पाठक एक बार फिर मैदान में हैं. उनके सामने अखिलेश यादव के आने से मुकाबला रोचक होगा. सुब्रत पाठक और प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण भी लगातार अखिलेश यादव को कन्नौज से लड़ने के लिए चुनौती दे रहे थे.