Loading election data...

Lok Sabha Election 2024: हेमामालिनी ने मथुरा से किया नामांकन, कहा 84 कोसी परिक्रमा की समस्या होगी दूर

यूपी में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के दूसरे चरण के नामांकन का गुरुवार को अंतिम दिन था. मथुरा से एक्टर हेमामालिनी ने नामांकन किया. इस बार वो हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं.

By Amit Yadav | April 4, 2024 6:04 PM

लखनऊ: फिल्म एक्टर हेमामालिनी ने मथुरा लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) सीट से गुरुवार को नामांकन किया. ये तीसरा मौका है जब वो मथुरा से चुनाव लड़ रही हैं. इस बार वो हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रही हैं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मथुरा (Mathura Lok Sabha) के लिए बहुत से कार्य किए हैं. इस बार 84 कोसी परिक्रमा की समस्या दूर करनी है. कई लोगों ने इस बारे में मुझसे बात की है. कांग्रेस नेता द्वारा अभद्र टिप्पणी करने के मामले में उन्होंने कहा कि इसका जवाब योगी जी ने दिया है. उन्होंने अच्छा जवाब दिया है. हेमामालिनी (Hema Malini)ने कहा कि नारी शक्ति को सम्मान देने के मामले में कांग्रेस का पीएम मोदी से सीखना चाहिए. उन्होंने देश को आदिवासी समाज की महिला राष्ट्रपति दी है. कांग्रेस कुंठित है. विपक्ष का कोई प्रत्याशी सामने न होने के सवाल पर हेमामालिनी ने कहा कि उनके कामों के कारण कोई भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा में विजय संकल्प नामांकन सभा को संबोधित किया. नामांकन के समय मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी साथ में थे.

हेमा मालिनी की हैट्रिक की तैयारी
मथुरा लोकसभा सीट (Mathura Lok Sabha) पर 2014 में हेमा मालिनी ने आरएलडी के जयंत चौधरी को हराया था. इसके बाद 2019 में एक बार फिर मथुरा से हेमा मालिनी 671293 वोट पाकर चुनाव जीती थीं. उन्होंने सपा-रालोद-बसपा गठबंधन के कुंवर नरेंद्र सिंह को हराया था. कांग्रेस यहां तीसरे स्थान पर रही थी. मथुरा सीट पर 1952 और 1957 में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. 1962, 1967, 1971 में कांग्रेस ने जीत हासिल की. 1977 और 1980 में जनता पार्टी ने ये सीट जीती. इसके बाद 1984 में कांग्रेस ने फिर जीत ली थी. इसके बाद 1989 में मथुरा सीट जनता दल के खाते में गयी. इसके बाद 1991, 1996, 1998 और 1999 तक भाजपा, 2004 में कांग्रेस ने मथुरा सीट जीती थी. 2009 में भाजपा-आरएलडी गठबंधन हुआ, इसमें जयंत चौधरी मथुरा से सांसद चुने गये थे.

मथुरा का जातीय समीकरण
मथुरा में 18 लाख से अधिक मतदाता हैं. यहां सबसे अधिक जाट मतदाता हैं, जिनकी संख्या लगभग 3.5 लाख है. ब्राह्मण और क्षत्रिय तीन-तीन लाख की संख्या के साथ दूसरे नंबर पर हैं. जाटव और मुस्लिम यहां लगभग डेढ़-डेढ़ लाख हैं. यादव वोटर भी 70 हजार के करीब हैं. यहां अब तक चुने गये 17 सांसद में से 14 जाट बिरादरी के रहे हैं.

अयोध्या, काशी के बाद अब फोकस मथुरा-वृंदावन पर: योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेठ बीएन पोद्दार इंटर कॉलेज मैदान पर नामांकन के मौके पर आयोजित जनसभा में कहा कि अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा और वृंदावन पर सरकार का पूरा फोकस है. मथुरा-वृंदावन में विकास की गति को और तेज किया जाएगा. उन्होंने कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि मातृ शक्ति का अपमान करने वालों को पूरा देश सबक सिखाने के लिए तैयार है. मथुरा राधा रानी और यमुना मैया की भूमि है. यहां मातृशक्ति पर ओछी टिप्पणी करने वालों को भगवान भी बचा पाएंगे या नहीं, इसमें भी संदेह है.

कांग्रेस ने काशी, मथुरा, अयोध्या का विकास नहीं किया
सीएम योगी ने कहा कि हेमा मालिनी तीसरी बार यहां से प्रत्याशी बनी हैं. दूसरी पार्टियों के पास प्रत्याशी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें व्यक्तिगत रूप से कोई पसंद हो न हो, मगर हम कला, संस्कृति और जाति को टार्गेट नहीं कर सकते. मथुरा कला की भूमि है. भगवान कृष्ण ने 16 कलाओं के साथ यहीं पर अवतार लिया है. कला का सम्मान करने के लिए इससे अच्छी भूमि कौन हो सकती है. सीएम योगी ने कहा कि 60 साल तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने काशी, मथुरा और अयोध्या में विकास क्यों नहीं किया. हेमा मालिनी के सुझाव पर मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, बलदेव का विकास ब्रज तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से यहां विकास कार्यों को सुनिश्चित किया गया है. कई जगह न्यायालयों में मामला होने के कारण हमें रुकना पड़ता है. मगर हम यही मानकर चलते हैं कि अंतत: हमारी जीत होनी है. हमने अयोध्या के लिए 500 साल तक इंतजार किया मगर संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटे और अंतत: परिणाम हमारे पक्ष में आया.

Also Read: यूपी एटीएस की बड़ी कार्रवाई, सोनौली बॉर्डर से हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आंतकी गिरफ्तार

Next Article

Exit mobile version