मथुरा. वृंदावन में स्थित श्री रंगनाथ भगवान मंदिर में चल रहे दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव का देर रात को समापन हो गया. ब्रह्मोत्सव के समापन में भगवान रंगनाथ माता गोदा के साथ पुष्पक विमान में विराजमान होकर निकले. इस दौरान उनके दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब यात्रा मार्ग में उमड़ पड़ा. भगवान के स्वागत के लिए जगह-जगह रंगोली बनाई गई थी और नगर वासियों ने भगवान के रथ को फूलों से सराबोर कर दिया.
वृंदावन और कोलकाता के कारीगरों द्वारा तैयार किए गए पुष्पक विमान पर रविवार की देर रात रंगनाथ मंदिर से भगवान की सवारी विभिन्न प्रकार के फूलों से सुसज्जित होकर निकली. इस पुष्पक विमान को कारीगरों ने 24 घंटे से ज्यादा मेहनत कर तैयार किया था और इसमें करीब 12 से ज्यादा कारीगरों ने काम किया था. ब्रह्मोत्सव के अंतिम दिन पुष्पक विमान में विराजमान भगवान रंगनाथ और माता गोदा के दर्शन पाकर भक्त अपने आपको भाग्यशाली मान रहे थे. जिस विमान में भगवान विराजमान थे उसमें आकर्षक कलाकारी भक्तों का मन मोह रही थी.
विमान में केले के पेड़ से बनाए गए मोर और आगे लगा हुआ हंस विमान की सुंदरता को और बढ़ा रहा था. भगवान रंगनाथ की पुष्पक विमान की सवारी से पहले पुष्प अर्चन हुआ. मंदिर के पुजारियों ने वैदिक मंत्रों के बीच भगवान को पुष्प अर्पित किए. वहीं इससे पहले भगवान को 12 तरह के भोग लगाए गए साथ ही 12 तरह की आरती भी की गई. रात 11:00 बजे भगवान रंगनाथ को पुष्पक विमान पर विराजमान किया गया. जगह-जगह भगवान के लिए फूलों से रंगोली बनाई गई थी.
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भक्तों द्वारा पुष्पक विमान पर समय-समय पर फूलों की वर्षा की गई जिसके बाद भक्तों ने भगवान की आरती की. देर रात करीब 1:00 बजे भगवान की सवारी भ्रमण करने के बाद फिर से मंदिर परिसर में पहुंची. जहां गरुड़ स्तंभ के समीप मंडप में भगवान को विराजमान किया. इसके बाद मंदिर के महंत पुजारी ने भगवान से पूरे उत्सव के दौरान किसी प्रकार का अपराध, भोग लगाने में विलंब या प्रभु की सेवा में अगर कोई कमी रह गई हो तो इसके लिए क्षमा मांगी.