लखनऊ एयरपोर्ट पर Digi Yatra सर्विस से यात्रियों को मिल रही राहत, अब चंद मिनट में हो रही एंट्री
चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर चेहरे की पहचान से एंट्री की सुविधा 'डिजी यात्रा का लाभ यात्री खूब उठा रहे हैं. रोजाना 400 से 500 यात्री इस सुविधा के लिए पंजीकरण भी करा रहे हैं.
Airports New Service: देश की राजधानी दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी समेत सात अन्य एयरपोर्ट पर Digi Yatra ऐप सेवा की शुरुआत की गई थी. जिसके बाद लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में इस सुविधा शुरुआत कर दी गई. चेहरे की पहचान से एयरपोर्ट पर प्रवेश की सुविधा ‘डिजी यात्रा का लाभ यात्री खूब उठा रहे हैं. रोजाना 400 से 500 यात्री इस सुविधा के लिए पंजीकरण भी करा रहे हैं.
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार डिजी यात्रा पंजीकरण कराने के बाद वोटर आईडी या आधार समेत कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं है. इसके लिए एयरपोर्ट पर ‘फेस रिकग्निशन मशीन लगाई गई है. जिसका डिजी यात्रा पंजीकरण है उसका चेहरा मशीन पहचान लेती है और गेट खुल जाते हैं. इसके लिए यात्रियों को टिकट बुकिंग कराते समय डिजी ऐप पर जा कर अपने आधार का विवरण देना होता है.
फिलहाल डिजीयात्रा दो विशेष एयरलाइन्स के यात्रियों के लिए उपलब्ध है. डिजीयात्रा ऐप पर पंजीकृत यात्रियों के सुविधा के लिए, एयरपोर्ट प्रशासन ने टर्मिनल-2 के एंट्री गेट पर ‘डिजी साथियों’ को तैनात किया है. डिजिटल सेवा एंट्री गेट, बोर्डिंग प्वाइंट समेत अलग-अलग स्थानों पर उपलब्ध होगी.
ऐसे मिलेगा डिजीयात्रा ऐप की सुविधा
डिजी यात्रा एप पर यात्रियों को अपना आधार आधारित सत्यापन का उपयोग करते हुए और एक सेल्फी अपलोड करते हुए विवरण दर्ज करना होगा. इसके बाद, बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा और क्रेडेंशियल्स को एयरपोर्ट के साथ साझा करना होगा. एयरपोर्ट ई-गेट पर यात्री को पहले बार कोडेड बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा. ई-गेट पर स्थापित बायोमेट्रिक स्कैन प्रणाली तब यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को मान्य करेगी. एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यात्री ई-गेट से एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकता है. यात्री को सिक्योरिटी क्लीयरेंस और विमान में सवार होने के लिए सामान्य प्रक्रिया का पालन करना होगा.
एयरपोर्ट पर होगी एयरफोर्स बेस जैसी सुरक्षा
लखनऊ एयरपोर्ट पर वायुसेना के एयरबेस जैसी सुरक्षा होगी. इसके लिए चारों ओर से एयरपोर्ट को सेंसर के जरिए महफूज किया जाएगा. यदि किसी ने कैमरों की नजर से बचते हुए घुसपैठ की कोशिश भी की तो सेंसर उसे पकड़ लेगा. तुरंत कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा. इसके लिए पहले से सुरक्षाकर्मियों की विशेष टुकड़ी मुस्तैद रहेगी. जैसे ही अलार्म बजा तुरंत यह टुकड़ी उस स्थान पर पहुंच जाएगी.
जम्मू वायुसेना एयरबेस पर 2021 में हुए ड्रोन हमले के बाद कई सुरक्षा उपाय अपनाए गए थे. उनमें से ही एक पैरिमिटर इंट्रूज़न डेटेक्टेक्शन सिस्टम भी है. यह सिस्टम इनसान के शरीर की गर्मी और हरकत को पहचानने की क्षमता रखता है. नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के उप निदेशक भुवन जोशी के अनुसार दिसम्बर माह तक एयरपोर्ट को इस सुरक्षा व्यवस्था से लैस करने की तैयारी है. इस पर काम चल रहा है. दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और हैदराबाद एयरपोर्ट इस प्रणाली से सुरक्षित किए जा चुके हैं. अब लखनऊ की बारी है.
यह सिस्टम थर्मल इमेजिंग पर आधारित है. भविष्य में तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ आने वाले चुनौतियों से पहले ही एयरपोर्ट को तैयार किया जा रहा है. मौजूदा समय एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के 550 से अधिक जवान सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं. इसके अलावा डॉग स्क्वॉयड, बम निरोधक दस्ता लगातार पेट्रोलिंग करता रहता है. हाल ही में सीआईएसएफ को दो बुलेटप्रूफ वाहनों से भी लैस किया गया है.
वॉच टॉवर भी बनाए गए आधुनिक
एयरपोर्ट पर जगह जगह लगाए गए वॉच टॉवर को भी आधुनिक बनाया गया है. साथ ही इनको सुरक्षा जाली से ढंका गया है. इस वजह से वॉच टॉवर नजर नहीं आते. घरेलू टर्मिनल के पास स्थित वॉच टॉवर को भी इसी तरीके से ढंका गया है. इधर से गुजरने वाले वाहनों में बैठे लोगों को भनक भी नहीं लगती कि टॉवर के भीतर बंकर में निशाना साधे जवान हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं.