UP Cyber Crimes: उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड दर से बढ़े साइबर अपराध, रीजनल हेडक्वार्टर बने राहत का सबब
साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों के सार्थक परिणाम आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने सरकार के शासन में साइबर मामलों संबंधी गिरफ्तारियों, उपलब्धियों और सूचनाओं के आंकड़े जारी किए हैं.
UP Cyber Crimes: प्रदेश में साइबर अपराधों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है. लेकिन उतनी ही तेजी से की जा रही पुलिस की त्वरित कार्रवाई का लाभ भी पीड़ितों को मिल रहा है. साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों के सार्थक परिणाम आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने सरकार के शासन में साइबर मामलों संबंधी गिरफ्तारियों, उपलब्धियों और सूचनाओं के आंकड़े जारी किए हैं.
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सभी रीजनल हेडक्वार्टर साइबर क्राइम पुलिस थानों पर 660 अभियोग पंजीकृत करके अब तक 470 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है. उक्त अभियोगों में 2.2 करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि साइबर अपराधियों से बरामद की गई. 5 करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि बैंक खातों में होल्ड कराई गई है.
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प्रदेश भर में 10,290 अभियोग
प्रदेश के अन्य सभी थानों में उक्त अवधि में साइबर अपराधों के संबंध में 10,290 अभियोग अब तक पंजीकृत किए गए हैं. 2,600 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी कर 6.24 करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि बरामद की गई है. प्रदेश में साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हुई उपलब्धियों के संबंध में जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव, गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि ‘सरकार द्वारा प्रदेश के सभी 16 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर साइबर थानों की स्थापना कर इन सभी को क्रियाशील किया जा चुका है. इन 16 परिक्षेत्रीय थानों हेतु शासन द्वारा 256 पदों का सृजन भी किया गया है.’
परिक्षेत्रीय साइबर थानों पर महिला साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है, जो इन अपराधों से पीड़ित महिलाओं के लिए हरसंभव मदद प्रदान कर रही है. साइबर बुलिंग की शिकार महिलाओं की मदद हेतु वूमेन पॉवर लाइन 1090 के अन्तर्गत अपराधी की पहचान एवं अवैध कंटेन्ट हटाने के लिए अत्याधुनिक साइबर फॉरेंसिक टूल्स का प्रयोग किया जा रहा है.
साइबर सेफ पोर्टल है अपराधियों का बही खाता
उत्तर प्रदेश पुलिस अपर पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम श्री राम कुमार ने बताया है कि ‘साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु साइबर सेफ पोर्टल का संचालन किया जा रहा है. जिस पर जालसाजों के मोबाइल नम्बर, बैंक खाता संख्या एवं वेबसाइट आदि को अपलोड किया जाता है. प्रदेश में अब तक साइबर सेफ पोर्टल के माध्यम से 26 हजार से अधिक मोबाइल नम्बरों को ब्लाक कराया जा चुका है, जो साइबर अपराधों में अंकुश लगाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है. साइबर वित्तीय धोखाधड़ी अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु हेल्प लाइन संख्या-155260 को शुरू किया गया है, जो चौबीस घंटे कार्य कर रहा है.
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साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु लगे पुलिस कर्मियों को भी विशेष रूप से प्रशिक्षित भी कराया जा रहा है। इसके तहत वर्तमान में Cyber Prevention Against Women & Children (CCPWC) {साइबर प्रेवेन्शन अगेंस्ट वीमेन एंड चिल्ड्रेन} योजना के तहत 1386 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. समस्त साइबर क्राइम पुलिस थानों पर विवेचनाओं एवं उनके पर्यवेक्षण आदि के लिए एनसीआरपी पोर्टल/साइबर सेफ पोर्टल/हेल्प डेस्क व क्षेत्रीय अपराध समन्वय केन्द्र के पर्यवेक्षण का कार्य साइबर मुख्यालय द्वारा प्रभावी रूप से किया जा रहा है.
(रिपोर्ट: उत्पल पाठक, लखनऊ)