Madurai Train Fire: हादसे में जान गवाने वाले 9 शवों को हवाई मार्ग से लाया गया लखनऊ, सबकी आंखें हुई नम
Madurai Train Fire: तमिलनाडु के मदुरई रेल दुर्घटना में मृतकों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. जहां से वह उन्हें लेकर अपने पैतृक आवास के लिए रवाना हो गए. इस दर्दनाक हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई है.
Madurai Train Fire: तमिलनाडु के मदुरै रेलवे यार्ड में खड़ी एक ट्रेन के डिब्बे में आग लगने की घटना में मारे गए सीतापुर के पांच श्रद्धालुओं सहित नौ लोगों के शव रविवार को चेन्नई से लखनऊ लाये गये और उन्हें संबंधित जिलों में भेज दिया गया. शवों के हवाई अड्डे पर पहुंचने के दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक वहां मौजूद थे. हादसे में लखनऊ निवासी मनोहरमन अग्रवाल और उनकी पोती हिमानी बंसल (22) की मौत हो गई. मनोहरमन के बेटे मनोज अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि दोनों के शवों का लखनऊ के गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार किया गया.
इस बीच, मदुरै ट्रेन हादसे में मारे गए पांच अन्य लोगों के शवों को रविवार शाम सीतापुर में उनके परिवारों को सौंप दिया गया. वहीं लखीमपुर खीरी से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में मारी गई जिले की निवासी शांति देवी का अंतिम संस्कार रविवार रात को शारदानगर पुलिस सीमा के तहत कोठिया में उनके पैतृक गांव में किया गया. उनके सबसे बड़े बेटे कमलेश वर्मा ने अपने दो छोटे भाइयों, दो बहनों और परिवार के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया. इससे पहले, शांति देवी का पार्थिव शरीर रविवार देर शाम लखनऊ से विशेष एंबुलेंस से कोठिया गांव लाया गया.
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परिजनों को सौंपे गए मृतकों के शव
लखीमपुर खीरी जिले के अधिकारियों, भाजपा विधायक रोमी साहनी, खीरी के पूर्व सांसद रवि वर्मा, सैकड़ों ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे. सीतापुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस और जिला अधिकारियों की निगरानी में शवों को एंबुलेंस से लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में से एक का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया.
सीतापुर के अपर जिलाधिकारी आर. बी. तिवारी ने मीडिया को बताया कि सभी शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि मृतकों में से एक की पहचान कांशीराम इलाके के दीपक कश्यप के रूप में की गई है, उसका आज अंतिम संस्कार कर दिया गया है, जबकि बाकी का अंतिम संस्कार परिवारों के निर्णय के अनुसार किया जाएगा.
हादसे में मारे गए टूर ऑपरेटर हरीश भसीन के भतीजे रोहित आनंद ने कहा कि उनके मामा लंबे समय से टूर व्यवसाय में थे और लोगों को तीर्थयात्रा कराते थे. रोहित ने बताया कि हमें उम्मीद नहीं थी कि यह उनकी आखिरी यात्रा होगी. जब आग लगी तो मेरे मामा सुरक्षित बाहर आ गए, लेकिन ट्रेन के डिब्बे से चीख-पुकार सुनकर वह लोगों को बचाने के लिए फिर से उसमें दाखिल हो गए, लेकिन वह आग की चपेट में आ गए.’ रोहित ने कहा कि भसीन का अंतिम संस्कार सोमवार को सीतापुर में किया जाएगा.
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प्रशासन ने दिया हर संभव मदद का आश्वसन
मृतक मिथिलेश सिंह के परिजन ने बताया कि उन्हें शव मिल गया है और अंतिम संस्कार कल किया जाएगा. अपर जिलाधिकारी तिवारी ने कहा कि पुलिस और प्रशासन अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद कर रहा है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 26 अगस्त को तमिलनाडु के मदुरै रेलवे यार्ड में हुई घटना में नौ लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया. मरने वाले सभी लोग उत्तर प्रदेश से थे. डिप्टी सीएम ने मीडिया से कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.”
उन्होंने बताया कि ये नौ लोग पिछले हफ्ते अपने टूर ऑपरेटर द्वारा बुक किए गए एक रेल कोच में कई अन्य लोगों के साथ तीर्थयात्रा पर लखनऊ से निकले थे. तीर्थयात्री समूह में शामिल रहीं लखनऊ के गोमती नगर की निवासी सीता सिंह रविवार को विमान से सुरक्षित लौट आईं. हवाई अड्डे पर अपनी मां को लेने आए उनके बेटे मोहित सिंह ने कहा कि परिवार चिंतित था क्योंकि घटना के बाद शुरू में वे फोन पर अपनी मां से संपर्क नहीं कर पा रहे थे. सिंह ने कहा कि हमें तब राहत मिली जब हम आखिरकार उससे बात कर सके और अब वह सुरक्षित यहां पहुंच गई है.’
एयरपोर्ट पर की गई थी ये व्यवस्था
राहत आयुक्त नवीन कुमार ने कहा कि शव दो अलग-अलग उड़ानों से यहां हवाई अड्डे पर पहुंचे. कुमार ने कहा, सरकार द्वारा हवाई अड्डे पर जिलेवार शव वाहन की व्यवस्था की गई और शवों को उनके संबंधित जिलों में पहुंचाया गया. मृतकों में मनोहरमन अग्रवाल (81) और उनकी पोती हिमानी बंसल (22),लखीमपुर खीरी की शांति देवी (67), हरदोई के परमेश्वर दयाल गुप्ता (57), और सीतापुर के मिथिलेश कुमार (52), शत्रु दमन सिंह (65), हरीश कुमार भसीन (60), अंकुल कश्यप (32) और दीपक कश्यप (20) शामिल हैं.
गैस सिलेंडर से लगी आग
दक्षिणी रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि कोच के अंदर ‘अवैध रूप से’ ले जाए गए गैस सिलेंडर के कारण आग लग गयी. संभावित गैस रिसाव सहित आग लगने के विभिन्न पहलुओं की जांच की जा रही है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि भसीन की इस तीर्थयात्रा के लिए टूर ऑपरेटर के रूप में पहचान की गई है. उनकी भी इस घटना में मौत हो गई. राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने शनिवार को ‘टूर ऑपरेटर’ के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को चार मृतकों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये जारी किए और शेष पांच को वित्तीय सहायता देने के लिए कानूनी उत्तराधिकारियों के विवरण का सत्यापन किया जा रहा है.