20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Madurai Train Fire: बेटी के हाथ पीले करने के थे अरमान अब अर्थी को कंधा देगा बुजुर्ग पिता, थम नहीं रहे आंसू

गमगीन मनोज ने बताया कि उन्होंने अपनी 22 वर्षीय बेटी की शादी के लिए सपने संजो रखे थे. वह बेटी की शादी बेहद धूमधाम से करना चाहते थे. लेकिन ये अरमान अधूरे रहे गए. वहीं मां मनोरमा 80 वर्ष की थीं. उनका साथ इस तरह अचानक छूट जाएगा, कभी सोचा नहीं था. पूरा परिवार बेहद खुश था.

Madurai Train Fire: तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के कोच में आग लगने की घटना में जिन लोगों ने अपनों को गंवाया है, उनके घरों में मातम का माहौल है. हादसे में उत्तर प्रदेश के 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 लोग झुलस गए. इस हादसे में मनोज अग्रवाल की बेटी हिमानी और उनकी मां मनोरमा भी शामिल थे.

लखनऊ के रहने वाले मनोज अग्रवाल ने बताया कि अंतिम बार उनकी बात शुक्रवार शाम 7:30 बजे बेटी और मां से हुई थी. दोनों ने उस समय बताया था कि शनिवार को घूमने और दर्शन का कार्यक्रम है. मां और बेटी बेहद उत्साहित थे, लेकिन सुबह 7:30 बजे जब उन्होंने अपनी मां मनोरमा को कॉल किया तो फोन रिसीव नहीं हुआ.


पुलिसक​र्मी ने रिसीव की कॉल

इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. चिंतित मनोज ने जब अपनी बेटी हिमानी को कॉल किया तो किसी पुलिसकर्मी ने उठाया. उसने बताया कि यह फोन थाने में जमा है. जब उन्होंने पूछा कि यह फोन थाने में कैसे पहुंचा तब पुलिसकर्मी ने बताया कि कोई जमा कर गया है.

Also Read: UP Weather Update: यूपी में तेज बारिश का दौर खत्म, उमस के बीच लखनऊ में हवा ने दी राहत, जानें अपने शहर का मौसम
समाचार चैनलों से मिली हादसे की जानकारी

मनोज अग्रवाल के मुताबिक पुलिसकर्मी ने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने आईआरसीटीसी और रेलवे की हेल्पलाइन नंबर पर कई बार कॉल की, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला. कई नंबर पर पर कॉल रिसीव नहीं की गई. इसके बाद दोपहर 12:00 बजे उन्हें समाचार चैनलों के जरिए ट्रेन हादसे की जानकारी मिली. बाद में दो बजे लिस्ट में मां और बेटी का नाम भी शामिल था. लिस्ट देखते ही मनोज बेहोश हो गए. उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि उनकी मां और बेटी इस दुनिय में नहीं हैं.

एक पल में खुशियों को लगा ग्रहण

गमगीन मनोज ने बताया कि उन्होंने अपनी 22 वर्षीय बेटी की शादी के लिए सपने संजो रखे थे. वह बेटी की शादी बेहद धूमधाम से करना चाहते थे. लेकिन ये अरमान अधूरे रहे गए. वहीं मां मनोरमा 80 वर्ष की थीं. उनका साथ इस तरह अचानक छूट जाएगा, कभी सोचा नहीं था. पूरा परिवार बेहद खुश था.

मां और बेटी इस सफर को लेकर बेहद उत्साहित थे, शनिवार के दिन घूमने को लेकर उनमें बेहद उत्साह था. लेकिन एक पल में सब खत्म हो गया. मनोज आरोप लगाते हैं कि आईआरसीटीसी और भारतीय रेलवे ने आखिर जांच क्यों नहीं की. इतनी बड़ी लापरवाही आखिर कैसे की जा सकती है कि गैस सिलेंडर ट्रेन के अंदर चला गया. रेलवे की लापरवाही ने लोगों से उनकी खुशियां छीन ली.

किस काम का मुआवजा

इस बीच मनोज को वहां के स्थानीय प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि उनकी मां और बेटी का शव लखनऊ भेजा जाएगा. मनोज ने कहा कि हादसे को लेकर सरकार की ओर से मुआवजा देने की घोषणा की गई है. लेकिन, ये मुआवजा उनके किस काम का, मां और बेटी को गंवाने के बाद इस मुआवजे की कोई कीमत नहीं है.

इस तरह रहा ट्रेन का सफर

17 अगस्त को ट्रेन नंबर 16094 लखनऊ-चेन्नई एक्सप्रेस से श्रद्धालु विजयवाड़ा पहुंचे. यहां से 20 अगस्त को ट्रेन नंबर 17406 किसान एक्सप्रेस से विजयवाड़ा से रेनिगुंटा जंक्शन पहुंचे. 21 अगस्त को ट्रेन नंबर 16203 रेनिगुंटा से गरुड़ाद्रि एक्सप्रेस से मैसूरी जंक्शन पहुंचे. 22 अगस्त को ट्रेन नंबर 16227 मैसूरी से मैसूरु-तालगुप्पा एक्सप्रेस से यशवंतपुर पहुंचे. 23 अगस्त को ट्रेन नंबर 11021 यशवंतपुर से तिरुनेलवेली एक्सप्रेस से तिरुनेलवेली पहुंचे. 25 अगस्त को ट्रेन नंबर 06642 तिरुनेलवेली से नागरकोइल एक्सप्रेस से मदुरई पहुंचे थे, जहां ट्रेन में आग की घटना हुई. यहां से 27 अगस्त को ट्रेन नंबर 16824 मदुरई से अनंतपुरी एक्सप्रेस से चेन्नई इगमोर पहुंचना था. 28 अगस्त को लोकल ट्रेन के जरिए मार्ग चेन्नई श्रद्धालुओं को पहुंचना था. 29 अगस्त को ट्रेन नंबर 16093 चेन्नई सेंट्रल से लखनऊ जंक्शन वापस लौटना था.

लखनऊ से गैस सिलेंडर कोच में नहीं रखने का दावा

मदुरै रेलवे स्टेशन के यार्ड में जिस ट्र्रेन के कोच में आग लगने से हादसा हुई वह 17 अगस्त को चारबाग जंक्शन से रवाना हुआ थी. कहा जा रहा है कि उस दौरान ट्रेन के कोच में जो सामान यात्रियों ले गए थे, उसकी जांच नहीं हुई थी. हालांकि आग लगने की घटना के बाद चारबाग जंक्शन के निदेशक ने सफाई दी है कि लखनऊ से गैस सिलेंडर कोच में नहीं गया था. कोच बुक कराने वाले ट्रेवेल एजेंसी ने भी यह प्रमाण पत्र दिया था कि कोच में किसी भी प्रकार का ज्वलनशील सामान नहीं ले जाया जा रहा है.

उन्नाव और कानपुर से गैस सिलेंडर रखने की संभावना

चारबाग जंक्शन के स्टेशन निदेशक अरविंद पांडेय के मुताबिक यहां से गैस सिलेंडर ट्रेन में नहीं रखा गया. लखनऊ के बाद ट्रेन उन्नाव व कानपुर में रुकी है. इन दोनों स्टेशनों से भी श्रद्धालु ट्रेन में सवार हुए. हो सकता है कि उन स्टेशनों से कोई गैस सिलेंडर लेकर गया. सही क्या है यह जांच के बाद ही पता चलेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी ट्रैवेल एजेंसी कोच बुक कराती है तो उसे रेलवे के नियम और शर्तों से पालन करना होता है, जिसमें ज्वलनशील सामान नहीं लेने के जाने के लिए एजेंसी की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया था. इसके बाद भी कोच में गैस सिलेंडर जाने की बात आ रही है. यदि ट्रेवल एजेंसी की लापरवाही सामने आई तो उस पर कार्रवाई होगी.

रेल संरक्षा आयुक्त ने शुरू की जांच, दे सकते हैं जानकारी

इस बीच मदुरै रेलवे स्टेशन के यार्ड में ट्रेन में आग की घटना की जांच रेलवे संरक्षा आयुक्त ने शुरू कर दी है. दक्षिणी सर्कल बंगलुरू के रेलवे सुरक्षा आयुक्त एएम चौधरी ट्रेन में आग लगने की घटना की वैधानिक जांच करेंगे. यह जांच आईआरसीटीसी के पर्यटक कोच की होगी. जांच के दौरान लोगों से पूछताछ भी होगी, जिसमें जनता का कोई भी सदस्य जिसे घटना और मामले से संबंधित जानकारी हो इससे जुड़े हैं और साक्ष्य देने के इच्छुक हैं तो डीआरएम मदुरई के यहां 27 अगस्त 2023 को पहुंचकर जानकारी दे सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें