मदुरै रेल हादसा यादकर सिहर उठे लोग, कोच में अचानक धुंआ भरने पर मची भगदड़, रेलवे ने सिलेंडर पर दी सफाई
मदुरै ट्रेन हादसे के बाद अब इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है. रेलवे ने लखनऊ से गैस सिलेंडर रखे जाने की बात से इनकार किया है. कहा जा रहा है कि कोई भी ट्रैवेल एजेंसी कोच बुक कराती है तो उसे रेलवे के नियम और शर्तों से पालन करना होता है. यदि ट्रेवल एजेंसी की लापरवाही सामने आई तो उस पर कार्रवाई होगी.
Madurai Train Accident: तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर शनिवार को ट्रेन के कोच में आग लगने की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में भी मातम का माहौल है. हादसे में उत्तर प्रदेश के 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 लोग झुलस गए. दुर्घटना में बचे लोग घटना के मंजर को यादकर सिहर उठे. उन्होंने यूपी में परिजनों को फोन कर किसी तरह अपनी जान बचने की जानकारी दी.
मंदिर के प्रसाद का इंतजार रहे थे परिजन, मिली मौत की खबर
घटना में महिला मिथिलेश कुमारी की भी मौत हो गई. उनके दामाद कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि मिथिलेश कुमारी के दो पुत्र हैं. बड़ा बेटा अवनीश सिंह पंचायती राज विभाग में रोजगार सेवक है. वहीं छोटा बेटा आशीष सिंह दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है. मिथिलेश की इकलौती पुत्री मनीषा सिंह से उनकी शादी हुई थी. उनकी सास मिथिलेश कुमार बीते दिनों भसीन टूर एंड ट्रैवेल्स से तीन बार पहले भी यात्रा कर चुकी हैं. इस बार चौथी बार यात्रा पर थीं. 30 अगस्त को वह लौटकर सबको प्रसाद वितरण करने वाली थीं, लेकिन रेल हादसे में उनकी मौत की खबर आई. उनकी मौत की खबर से परिजन गमगीन हैं.
सीतापुर के बुजुर्ग लल्लू राम को बेटे ने बताई दास्तान
सीतापुर के शास्त्री नगर निवासी 70 वर्षीय लल्लू राम त्रिपाठी बेहद भावुक होकर बताते हैं कि उनका बेटा बहु और नाती भी ट्रेन से सफर कर रहे थे, जैसे ही उन्हें इस घटना की जानकारी हुई, आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे, ईश्वर से सभी के सही सलामत होने की प्रार्थना करने लगे. उन्होंने बताया कि उनके बेटे बहू के साथ चार साल का नाती श्वेतांश भी है. ईश्वर की कृपा रही कि उसको मामूली चोटे आई हैं. परिवार सकुशल बच गया. बेटा आनंद प्रकाश त्रिपाठी पेशे से वकील है और बहू रजत रेखा गृहणी हैं.
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परिवार के बचने पर ईश्वर का जता रहे आभार
लल्लू राम त्रिपाठी रुंधे हुए गले से बताते हैं कि उनके बेटे ने फोन पर बताया कि सब कुछ नॉर्मल था. सुबह के सवा पांच बजे किसी ने कॉफी बनाने के लिए गैस जलाई. अचानक कोच में धुंआ भरने लगा. इसके बाद सभी लोग दरवाजे की तरफ भागे, लेकिन दरवाजा लॉक था. किसी तरह लॉक तोड़कर लोग कोच से बदहवास हालत में बाहर निकले. इसके बाद सभी को अस्पताल लाया गया. लल्लू राम बताते हैं कि आज रामेश्वरम जाना था, लेकिन हादसा हो गया. बेटे ने फोन पर यह पूरी घटना बताई. हमारी सांसे अटक गई थी. परिवार बच गया, इसके लिए ईश्वर का आभार जता रहे हैं.
सामान जलकर राख, जान बचने पर ईश्वर का शुक्रगुजार
चश्मदीद अशोक प्रजापति ने बताया कि वह और अन्य लोग सो रहे थे. सुबह सवा पांच का समय था. दरवाजे खिड़कियां अंदर से बंद थे. जब कोच में धुंआ और आग फैलने लगी तो हम लोग दरवाजे की ओर भागे. हम तो बच गए, लेकिन साथ लाया सारा सामान जलकर राख हो गया. भगवान की कृपा थी कि जान बच गई.
इन्होंने भी अपनों को गंवाया
वहीं, आदर्श नगर निवासी शत्रुदमन सिंह की भी हादसे में मौत हो गई. शत्रुदमन सिंह के तीन भाई हैं, जिसमें वह सबसे बड़े थे. उनसे छोटे लल्ला सिंह व अरुण सिंह हैं. शत्रुदमन सिंह का एक पुत्र उपेंद्र गोरखपुर में आबकारी निरीक्षक के पद पर तैनात है. वहीं, दूसरा पुत्र आलोक गांव में लगी क्रेशर की देखरेख करता है. इनकी दो बेटियां रीता सिंह व प्रियंका सिंह भी हैं. दोनों का विवाह हो चुका है.
चार लोगों की जान बचाई, अपनों को गंवाया
महिला रजत रेखा ने बताया कि वह बीच वाली सीट पर थी. आग लगी तो वह लोग दरवाजे के पास पहुंचे. दरवाजा लॉक था और खुल नहीं रहा था. सभी लोग घबरा गए, लेकिन फिर किसी तरह दरवाजा खोलकर बाहर निकले. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े शिव प्रताप चौहन बताते हैं कि कोच के अंदर काफी धुंआ और आग थी. उन्होंने चार लोगों को लाद कर बाहर निकाल लिया, लेकिन अपनी पत्नी मिथिलेश कुमारी और बहनोई शत्रुदमन सिंह को नहीं निकाल पाया. दोनों की हादसे में मौत हो गई.
सीतापुर से 63 लोगों ने यात्रा पैकेज की कराई थी बुकिंग
बताया जा रहा है कि सीतापुर शहर के विजयलक्ष्मी नगर स्थित भसीन टूर एंड ट्रैवेल्स से प्राइवेट बोगी की बुकिंग हुई थी. यहां से कुल 63 लोगों ने यात्रा पैकेज की बुकिंग कराई थी. लखनऊ जंक्शन से कोच रवाना हुआ था. इस हादसे में करीब 50 लोग झुलस गए. इसमें 12 लोग सीतापुर से शामिल हुए.
यह यात्रा बीते 17 अगस्त से शुरू होकर 30 अगस्त तक प्रस्तावित थी. शनिवार को सुबह हादसे की खबर आई तो सबसे पहले ट्रैवेल एजेंसी कार्यालय के बाहर लोग पहुंचे, वहां किसी ने फोन नहीं उठाया. इसके बाद परिजनों ने जिला प्रशासन से संपर्क किया. बताया जा रहा है कि ट्रैवेल एजेंसी का मालिक पप्पू भसीन भी इस यात्रा में शामिल है. हालांकि उससे फोन पर संपर्क नहीं हो पाया.
लखनऊ से गैस सिलेंडर कोच में नहीं रखने का दावा
मदुरै रेलवे स्टेशन के यार्ड में जिस ट्र्रेन के कोच में आग लगने से हादसा हुई वह 17 अगस्त को चारबाग जंक्शन से रवाना हुआ थी. कहा जा रहा है कि उस दौरान ट्रेन के कोच में जो सामान यात्रियों ले गए थे, उसकी जांच नहीं हुई थी. हालांकि आग लगने की घटना के बाद चारबाग जंक्शन के निदेशक ने सफाई दी है कि लखनऊ से गैस सिलेंडर कोच में नहीं गया था. कोच बुक कराने वाले ट्रेवेल एजेंसी ने भी यह प्रमाण पत्र दिया था कि कोच में किसी भी प्रकार का ज्वलनशील सामान नहीं ले जाया जा रहा है.
उन्नाव और कानपुर से गैस सिलेंडर रखने की संभावना
चारबाग जंक्शन के स्टेशन निदेशक अरविंद पांडेय के मुताबिक यहां से गैस सिलेंडर ट्रेन में नहीं रखा गया. लखनऊ के बाद ट्रेन उन्नाव व कानपुर में रुकी है. इन दोनों स्टेशनों से भी श्रद्धालु ट्रेन में सवार हुए. हो सकता है कि उन स्टेशनों से कोई गैस सिलेंडर लेकर गया. सही क्या है यह जांच के बाद ही पता चलेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी ट्रैवेल एजेंसी कोच बुक कराती है तो उसे रेलवे के नियम और शर्तों से पालन करना होता है, जिसमें ज्वलनशील सामान नहीं लेने के जाने के लिए एजेंसी की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया था. इसके बाद भी कोच में गैस सिलेंडर जाने की बात आ रही है. यदि ट्रेवल एजेंसी की लापरवाही सामने आई तो उस पर कार्रवाई होगी.
रेल संरक्षा आयुक्त ने शुरू की जांच, दे सकते हैं जानकारी
इस बीच मदुरै रेलवे स्टेशन के यार्ड में ट्रेन में आग की घटना की जांच रेलवे संरक्षा आयुक्त ने शुरू कर दी है. दक्षिणी सर्कल बंगलुरू के रेलवे सुरक्षा आयुक्त एएम चौधरी ट्रेन में आग लगने की घटना की वैधानिक जांच करेंगे. यह जांच आईआरसीटीसी के पर्यटक कोच की होगी. जांच के दौरान लोगों से पूछताछ भी होगी, जिसमें जनता का कोई भी सदस्य जिसे घटना और मामले से संबंधित जानकारी हो इससे जुड़े हैं और साक्ष्य देने के इच्छुक हैं तो डीआरएम मदुरई के यहां 27 अगस्त 2023 को पहुंचकर जानकारी दे सकते है.
यूपी सरकार ने टोल फ्री नंबर किया जारी
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव गृह ने कमान संभाल ली है. मदुरै हादसे को लेकर यूपी सरकार की ओर से टोल फ्री नंबर जारी किया गया है. 1070 टोल फ्री नंबर पर फोन कर हादसे के बारे में सूचना हासिल की जा सकती है. यूपी में इसके अलावा कंट्रोल रूम राहत हेल्प लाइन नम्बर- 9454441081 और 9454441075 भी जारी किए गए हैं.
इसके अलावा, हादसे में फंसे अपने करीबियों की जानकारी के लिए दक्षिणी रेलवे ने भी दो हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. दक्षिणी रेलवे की साइट पर ये नंबर जारी किए गए हैं. ये नंबर हैं- 9360552608 और 8015681915, जिस पर कॉल करके हादसे से संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती है.
प्रशासन पर घायलों की सूची छिपाने का आरोप
प्राइवेट रेलवे कोच में जिस तरह से सिलेंडर ले जाया गया. यह रेलवे की बड़ी चूक साबित हुआ. यदि समय रहते जिम्मेदार अधिकारी इसे ले जाने से रोक लेते तो शायद यह हादसा न होता. आरोप है कि हादसे के बाद सीतापुर जिला प्रशासन घायलों व मृतकों की सूची छिपाता रहा. बाद में तहसील के अधिकारियों ने मृतकों व घायलों के घर जाकर उनकी जानकारी जुटाई.