माफिया अतीक के बेटे का गुर्गा फैज गिरफ्तार, 50 लाख की रंगदारी मांगने का आरोप, प्रोफेसर से भी की थी मारपीट
माफिया अतीक अहमद के बेटे अली के करीबी फैज उर्फ भूरे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. फैज के खिलाफ हाल में ही करेली थाने में 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था. इस मामले में नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतीक का बेटा भी आरोपी है.
Lucknow : प्रयागराज पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. माफिया अतीक अहमद के बेटे अली के करीबी फैज उर्फ भूरे को करेली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. फैज से पुलिस टीम पूछताछ कर रही है. फैज के खिलाफ हाल में ही करेली थाने में 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था. इस मामले में नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतीक के बेटे पर भी रिपोर्ट दर्ज हुई थी.
दरअसल, फैज उर्फ भूरे ने आगरा की गज़ाला बेगम की भूखंड सीसी-1 जीटीबी नगर में स्थित करोड़ों रुपये की जमीन पर कब्ज़ा कर बदले में 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी. गज़ाला के भाई दानिश शकील की तहरीर पर करेली थाने में अतीक के बेटे अली अहमद, मोहम्मद सैफ और उसके भाई फैज, परवेज अख्तर अंसारी उर्फ परवेज अटाला, शमीम मौलाना और महफूज मन्सूरी उर्फ भैय्यू के खिलाफ जमीन का कूटरचित दस्तावेज़ों को तैयार कर जमीन पर कब्जा करने और 50 लाख की रंगदारी मांगने सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. उसी मुकदमे में वांछित चल रहे फैज को करेली पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
फैज का वीडियो माफिया अतीक के साथ भी वायरल हुआ था. शुआट्स में बवाल के दौरान फैज अतीक के साथ पहुंचा था. फैज भूरे अतीक अहमद के साथ 2016 में हिगिनबॉटम एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में जाकर प्रोफेसर के साथ मारपीट भी की थी, जिसका वीडियो भी CCTV में कैद हुआ था.
शाइस्ता की तलाश में आजमगढ़ में हुई छापेमारी
गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड में नामजद और 50 हजार की इनामिया माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता की तलाश में पूरे प्रदेश सहित देश के कोने-कोने की खाक छान रही है. ऐसे में ATS और एसटीएफ ने शाइस्ता की तलाश में आजमगढ़ जनपद में छापेमारी कर टीम ने एक बुर्कानशीं को हिरासत में लिया था. ग्रामीणों के अनुसार पकड़ी गयी महिला घर की छत पर भी बुर्के में दिखाई देती थी. फिलहाल फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के अमनाबाद व बिलारमऊ सहित कई गांवों में छापेमारी के बाद एक घर से बुर्कानशी को हिरासत में लिया है.
इस बात की चर्चा पूरे गांव में है. ग्रामीणों के अनुसार टीम यहां रुकी नहीं और कुछ ही मिनटों में महिला को हिरासत में लेकर अपने साथ चली गई. इस सूचना के बाद के पूरे आजमगढ़ में हड़कंप मच गया. आजमगढ़ एसपी ऑफिस से लेकर जौनपुर के शाहगंज सीओ ऑफिस और फूलपुर सीओ ऑफिस के फोन घनघनाने लगे पर पुलिस ने इस बारे में अनिभिज्ञता जताई. जौनपुर के शाहगंज सीओ शुभम टोडी और आजमगढ़ जनपद के फूलपुर कोतवाल ने भी ऐसी किसी कार्रवाई से अनिभिज्ञता जाहिर की है. फिलहाल ग्रामीणों के अनुसार टीम आयी थी और बुर्कानशी को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है.
संसद में माफिया को दी गई श्रद्धांजलि
संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के पहले दिन संसद की परंपरा के अनुसार उन तमाम सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. संसदीय कार्य प्रणाली के तहत इन सभी सांसदों को श्रद्धांजलि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दी. जिन सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई, उनमें दो मौजूदा और 11 पूर्व सांसदों के नाम हैं. इनमें एक नाम माफिया अतीक अहमद का भी था.
उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपी अतीक को मृतक के ही अपहरण के मामले में दोषी करार दिया गया था. उस पर कई और गंभीर आरोपों में मुकदमें चल रहे हैं. अतीक की 15 अप्रैल को पुलिस सुरक्षा के बीच गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. संसद में उसे श्रद्धांजलि देते हुए कहा गया, “श्री अतीक अहमद का निधन 15 अप्रैल 2023 को 60 वर्ष की आयु में हुआ. श्री अहमद उत्तर प्रदेश के फूलपुर क्षेत्र से भूत पूर्व सांसद थे. वो रेल संबंधी समिति के सदस्य भी रहे.” इसके बाद सदन में मौजूद सभी सांसद खड़े हुए और मौन रहकर श्रद्धांजलि सभा पूरी की गई.
क्या है संसद की ये परंपरा?
सांसदों को श्रद्धांजलि देने की ये परंपरा शुरू से चली आ रही है. इसमें सांसदों के पद का सम्मान करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देना संसद का प्रोटोकॉल है. संसद में किसी भी सत्र के शुरू होने से पहले हाल ही में गुजरे सभी सांसदों को श्रद्धांजलि दी जाती है. सदन के स्पीकर उन सभी सांसदों के बारे में बताते हैं जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. इसमें स्पीकर उनके संसदीय क्षेत्र, उनके कार्यकाल की अवधि, उनके द्वारा संभाले गए विभागों और उनकी उपलब्धियों का ज़िक्र करते हैं.
बता दें कि अतीक अहमद का बैकग्राउंड आपराधिक था. राजनीति में आने से पहले उसका नाम जमीनों पर जबरन कब्जे, हत्याओं जैसे गंभीर मामलों में आ चुका था. लेकिन बाद में वो चुनाव लड़कर संसद पहुंच गया. दशकों तक अपराध करने के बाद इस साल अप्रैल में उसकी हत्या कर दी गई.
वे अपराधी सांसद जिन्हें संसद में दी गई श्रद्धांजलि?
अतीक अहमद अकेला अपराधी और पूर्व सांसद नहीं हैं जिसे मरने के बाद संसदीय प्रणाली के तहत श्रद्धांजलि दी गई हो. बिहार के सिवान से सांसद रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन भी इस लिस्ट में शामिल है. वो हत्या और अपहरण के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. शहाबुद्दीन को बिहार के बहुचर्चित तेजाबकांड में दोषी पाया गया था. कई अन्य आपराधिक मामलों में भी उसे दोषी ठहराया गया था. इनमें सिवान के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक की हत्या का प्रयास भी शामिल था. 1 मई, 2021 को कोविड-19 होने के चलते दिल्ली के दीन दयाल अस्पताल में शहाबुद्दीन की मौत हो गई थी.