लखनऊ में माफिया मुख्तार अंसारी की भाभी की सील कोठी का ताला टूटा मिला, सामान गायब होने की आशंका
Mukhtar Ansari: लखनऊ में माफिया मुख्तार अंसारी की भाभी की सील कोठी का ताला टूटा मिला है. गाजीपुर पुलिस ने 28 अक्टूबर 2022 को माफिया मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत की लखनऊ स्थित कोठी को सील कर दिया था. फरहत मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की पत्नी हैं.
लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ से बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां पर मुख़्तार अंसारी की भाभी फरहत अंसारी की लखनऊ डालीबाग स्थित पुलिस द्वारा सील कोठी का ताला टूटा पाया गया. अब कोठी के अंदर से सामान गायब होने की आशंका जताई जा रही है. नगर निगम इस मामले में गाजीपुर पुलिस को सूचना देकर FIR दर्ज कराने की तैयारी में है. जानकारी के अनुसार, गाजीपुर पुलिस ने 28 अक्टूबर 2022 को माफिया मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत की लखनऊ स्थित कोठी को सील कर दिया था. फरहत मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की पत्नी हैं. मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों को खंगाले जाने के दौरान गाजीपुर जिले की पुलिस को इस संपत्ति का पता चला था. जिसके बाद गाजीपुर जिलाधिकारी के आदेश पर इस कोठी को सील किया गया था. अब उसका ताला टूटा मिला है.
नगर निगम ने पुलिस को दी लिखित सूचना
गाजीपुर जिलाधिकारी के आदेश पर कार्रवाई करने के लिए गाजीपुर की पुलिस लखनऊ आई थी. कोठी के पास गाजीपुर पुलिस की तरफ से एक बोर्ड भी लगाया गया है, जिसमे संपत्ति को सील करने का जिक्र है. कोठी को सील करने के बाद गाजीपुर पुलिस ने नगर निगम को सौंप दी थी. सील करते समय ताले पर सफेद कपड़ा लपेटने के साथ ही सील करने वाला पदार्थ (लाक) भी लगाया गया था. कोठी के जिस चैनल को सील कर वहां ताला लगाया गया था, वह टूटा हुआ मिला है. इस घटना की जानकारी के बाद नगर निगम अधिकारी हजरतगंज पुलिस को लिखित सूचना दी. इसके बाद नगर निगम की टीम ने वहां पर फिर से ताला जड़ दिया.
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फरहत ने पहले जताई थी आशंका
मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत ने डीएम गाजीपुर को पत्र लिखकर बताया था कि अराजक तत्वों ने उसकी सील कोठी का ताला तोड़कर गृह उपयोगी व अन्य सामान चोरी कर लिया है. इसकी सूचना उसे डालीबाग मोहल्ले के निवासियों ने दी है. इसके बाद गाजीपुर जिलाधिकारी ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था. इस कोठी को जिस समय सील किया गया था, उस समय मुख्तार अंसारी का एक पालतू कुत्ता अंदर रह गया था. जबकि घर गृहस्थी से जुड़े सामान भी था. दोबारा सील करने के दौरान नगर निगम की टीम ने कमरों को नहीं देखा. क्योंकि कोठी को सील करने के दौरान वहां सामानों की सूची नहीं बनाई गई थी.