Lucknow: राजधानी लखनऊ में एक महंत अपने आश्रम में महिला दर्शनार्थी की मौत होने पर उसका शव गोशाला में दफना दिया. शव जल्दी गल जाए, इसलिए उस पर नमक भी डाल दिया. पुलिस को जानकारी मिलने पर उसने महिला के परिजनों को मामले से अवगत कराया, इसके बाद मृतक महिला के भाई के पहुंचने पर उसके सामने शव कब्र से खोदकर पोस्टर्माटम के लिए भेजा. महंत को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
राजधानी लखनऊ में महानगर के पुराना हैदराबाद इलाके में गोमती नगर किनारे स्थित कैलाशपुरी घाट मंदिर है. इसके महंत राम सुमन चतुर्वेदी हैं. आश्रम में 40 वर्षीय सपना पाठक 16 मई को आई थी. सपना मूल रूप से प्रयागराज की निवासी थी. रविवार रात पुलिस को सूचना मिली कि आश्रम से संबंधित गोशाला में किसी को दफनाया गया है.
इस पर पुलिस ने महंत राम सुमन चतुर्वेदी से पूछताछ की तो बताया गया कि 19 मई को सपना की मौत हो गई थी. सपना ने मौत से पहले उसे जलाने और नदी में प्रवाहित करने से मना किया था. सपना की इच्छा के मुताबिक उसे गोशाला परिसर में ही दफनाया दिया गया.
इसके बाद पुलिस ने मामले की जानकारी सपना के परिजनों को दी. मामले से आलाधिकारियों को अवगत कराया गया. इसके बाद सपना के भाई के पहुंचने के बाद शव को कब्र से निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. एडीसीपी सेंट्रल लखनऊ मनीषा सिंह ने बताया कि मंगलवार को पोस्टमार्टम से मौत की वजह स्पष्ट होगी. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. महंत के दामाद, बहन व अन्य परिजन परिसर में ही रहते हैं.
Also Read: UP: आधार कार्ड को लेकर बड़ी खबर, आय-जाति और निवास प्रमाण पत्र से लिंक करना हुआ अनिवार्य, फैसले के पीछे ये वजह
पुलिस की पूछताछ में महंत ने बताया कि सपना परिसर में ही सोती थी. यहां आने के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई. वह ठीक तरीके से बोल तक नहीं पा रही थी. यहां तक की उठने में भी असमर्थ थी. महंत के मुताबिक सपना को जड़ी-बूटी दी गई. इसके बावजूद उसकी सेहत में सुधार नहीं हुआ. इसी हालत में उसकी मौत हो गई. सपना की इच्छा के मुताबिक करीब चार घंटे में कब्र खोदकर उसका शव दफना दिया गया. सपना के करीब आठ वर्षों से महंत के संपर्क में होने की बात कही जा रही है.
महंत के मुताबिक उनकी उम्र लगभग 100 वर्ष है. वह 90 वर्षों से यहीं पर रहकर गायों की देखरेख करते हैं. सपना का आश्रम से लगाव था. इसलिए वह अकसर यहां आती थी. महंत ने सपना की मौत को स्वाभाविक बताया. हालांकि उसके परिजनों को इस संबंध में क्यों नहीं बताया गया, शव को गुपचुप तरीके से क्यों दफनाया गया और सपना का मोबाइल स्विच ऑफ क्यों किया, इस बारे में महंत पुलिस को कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके हैं. अब पुलिस पोस्टर्माटम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है, जिससे सपना की मौत की सही वजह सामने आ सके.
पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि प्रयागराज के कीडगंज निवासी सपना पाठक की वर्ष 2000 में वाराणसी के राजीव दुबे से शादी हुई थी. राजीव सरकारी अध्यापक हैं. उनकी दो बेटियां वर्षा व श्रुति हैं. सपना ने कुछ समय तक मुंबई में रिपोर्टर के तौर पर काम भी किया.
बताया जा रहा है कि कई वर्षों से वह अपने परिवार से दूर रह रही थी. उनकी एक बेटी ननिहाल व दूसरी रिश्तेदार के घर पर रहती है. वह महंत राम सुमन के संपर्क में थी और अक्सर आश्रम आती जाती थी. वहीं स्थानीय लोगों ने महंत को उग्र स्वभाव वाला बताया है. मामले में हत्या के बाद शव को दफन करने की आशंका जताई जा रही है.