Mahashivratri: उत्तर प्रदेश में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. प्रदेश के अलग-अलग मंदिरों में हर-हर महादेव के जयघोष गुज रहे हैं. भोले भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ा कर उनकी आराधना कर रहे हैं. महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर शिव भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन शुरू कर दिया है.
आज महाशिवरात्रि है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में हैं. इस साल महाशिवरात्रि फागुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 17 फरवरी की रात 8 बजकर 5 मिनट से शुरू हो गया है. और त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी 18 फरवरी की रात तक है. आज सुबह से ही भारी संख्या में शिवभक्त ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन शुरू कर दिया है.
#WATCH | Uttar Pradesh: Aarti being performed at Kashi Vishwanath temple in Varanasi on the occasion of #Mahashivratri pic.twitter.com/he3hb9rv0s
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 18, 2023
बता दें महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है. महाशिवरात्रि व्रत का पारन 19 फरवरी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज ही के दिन भगवान शिव और मां पार्वती का शुभ विवाह हुआ था. आज के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
महाशिवरात्रि का दिन शिव भक्तों के लिए बहुत ही अहम होता है. इस दिन शिव भक्त अपने आराध्य देव को खुश करने के लिए व्रत रखते हैं. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार शिवरात्रि के दिन आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद आठ लोटे केसर जल चढ़ाएं. चंदन का तिलक लगाएं. बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर से बने खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें. साथ ही इस दिन ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् मंत्रों का जाप करें. ऐसा करने से भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं.